चीन ने भारत को अफगानिस्तान में साझे समझौते की तरह दक्षिण एशिया में भी साझे प्रोजेक्ट के लिए मना लिया है। भारत मे नियुक्त चीनी राजदूत ने अफगान में साझे प्रोजेक्ट सिनो-इंडिया के उद्धघाटन के दौरान मशवरा दिया कि भारत और चीन को अफगानिस्तान के अलावा अन्य देशों मसलन नेपाल, भूटान, मालदीव, ईरान और म्यांमार मर भी साझे सहयोग को बढ़ाना चाहिए।
चीनी राजदूत ने कहा कि भारत और चीन सार्क, बिम्सटेक बीआईएसएम तंत्र के तहत क्षेत्रीय स्थिरता, शांति और समृद्धि का प्रसार कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक भारत सार्क के विस्तार के पक्ष में नहीं है और बिम्सटेक उप क्षेत्रीय संघठनो में मज़बूत होता जा रहा है। बीआईएसएम यानी भारत -चीन-बांग्लादेश -म्यांमार प्रगति नही कर पा रहा है। पिछले हफ्ते चीन ने अमरीका के खिलाफ व्यापार युद्ध के लिए भारत का सहयोग मांगा था।
चीनी राजदूत ने कहा कि भारत और चीन के मध्य अफगान प्रॉजेक्ट पहला समझौता है। इससे दोनों राष्ट्रों को फायदा होगा एवं भारत चीन सम्बन्ध को मजबूती मिलेगी। मसलन भारत ने स्वास्थ्य और कृषि के क्षेत्र में जबरदस्त उछाल ली है उसी प्रकार चीन ने चावलों के उत्पादन और गरीबी का स्तर कम करने में बढ़त हासिल की है। उंन्होने कहा उन्हें यकीन है भविष्य में अफगान का भारत-चीन साझा प्रॉजेक्ट के अन्य देशों में भी लागू होगा।
भारत के प्रधानमंत्री बीते जून में चीनी राष्ट्रपति से मिलने के लिए चीन के क्विनदाओ शहर गए थे। दोनों मुल्कों के प्रमुखों ने ईरान में स्वास्थ्य, शिक्षा और खाद्य सुरक्षा के क्षेत्र में साझा कार्य करने की प्रतिबध्दता दिखाई थी।
इन पप्रोजेक्ट का मकसद ईरान के लोगों के जीवन स्तर को सुधारना है।
चीनी राजदूत ने बताया कि भारत और चीन के अफगान मसले को लेकर समान मंसूबे हैं। दोनो राष्ट्र अफगान में शांति और अफगान सरकार के सहयोग में हैं।
भारत और चीन अफगान में स्थिरता, शांति और समृद्धि का प्रसार करना चाहते हैं। दोनो मुल्क आतंकवाद के सख्त खिलाफ है।
अगले हफ्ते चीन के जनसुरक्षा मंत्री भारत का दौरा करेंगे। राष्ट्रपति शी ज़िनपींग औऱ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वर्ष चौथी बार नवंबर में अर्जेंटीना में मुलाकात करेंगे।