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    तुलना बोधक विशेषण

    विषय-सूचि

    तुलना बोधक विशेषण की परिभाषा

    जैसा कि हम सभी जानते हैं विशेषण शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं। लेकिन कई बार दो वस्तुओ के गुण दोष आदि की तुलना कि जाती है।

    जिन शब्दों से दो वस्तुओं की परस्पर तुलना की जाती है वे शब्द तुलनाबोधक विशेषण कहलाते हैं। जैसे: राम सुरेश से ज्यादा सुन्दर है। यहाँ दो व्यक्तियों की विशेषताओं की तुलना की जा रही है।

    तुलनाबोधक विशेषण की तीन अवस्थाएं होती हैं :

    1. मूलावस्था
    2. उत्तरावस्था
    3. उत्तमावस्था

    1. मूलावस्था :

    जब किसी एक ही व्यक्ति या वस्तु विशेषता जैसे गुण, दोष शर्म स्वभाव बताने के लिए विशेषण का प्रयोग किया जाता है, तब उसे मूलावस्था कहते हैं।

    यहाँ किन्हीं दो वस्तु या व्यक्ति आदि की तुलना नहीं की जाती है। जैसे: अच्छा, बुरा, वीर, बहादुर, निडर, डरपोक आदि।

    उदाहरण:

    • मैं बड़ा होकर वीर सिपाही बनना चाहता हूँ।
    • ज़िन्दगी में एक शेर की भांति निडर होना चाहिए।
    • डरपोक लोगों के लिए इस घर में जगह नहीं है।
    • रमेश एक बहुत अच्छा व्यक्ति है।

    ऊपर दिए गए उदाहरण में आप देख सकते हैं कि विशेषण शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है। लेकिन विशेषण शब्दों का प्रयोग करके दो वस्तु, व्यक्ति आदि की तुलना नहीं की जा रही है। अतः तुलनाबोधक विशेषण की मूलावस्था कहलाएगी।

    2. उत्तरावस्था

    जब किन्हीं वस्तुओं या व्यक्तियों की आपस में गुण, दोष आदि पर आधारित तुलना की जाती है एवं उनमे से एक को श्रेष्ठ माना जाता है, तब यह उत्तरावस्था कहलाती है। जैसे: ज्यादा सुन्दर, अधिक बुद्धिमान, ज्यादा तेज़ आदि।

    उदाहरण:

    • मैं तुमसे ज्यादा दयालु हूँ।
    • रीना मीना से अधिक बुद्धिमान है।
    • मिल्खा बोल्ट से ज्यादा तेज़ भागता है।
    • लोहा ताम्बे से ज्यादा भारी होता है।

    जैसा कि आपने ऊपर दिए गए उदाहरणों में देखा ज्यादा दयालु, ज्यादा तेज़ आदि शब्दों का प्रयोग करके दो वस्तुओं के गुण दोष आदि की तुलना की जा रही है एवं एक को श्रेष्ठ माना जाता है। अतः यह उत्तरावस्था कहलाएगी।

    3. उत्तमावस्था

    जब दो से ज्यादा वस्तुओं या व्यक्तियों की तुलना की जाती है एवं उनमे से किसी एक को ही सर्वश्रेठ बताया जाता है, तो उसे उत्तमावस्था कहा जाता है। जैसे: विशालतम, सबसे सुन्दर आदि।

    उदाहरण:

    • सभी महासागरों में प्रशांत महासागर विशालतम है।
    • इन सब में से तुम सबसे सुन्दर हो।
    • हल्क सबसे ज्यादा बलवान है।

    ऊपर दिए गए उदाहरणों में आप देख सकते हैं विशालतम, सबसे सुन्दर आदि शब्द प्रयोग किये गए हैं। इन शब्द से हमें कोई एक वस्तु या व्यक्ति के सर्वश्रेष्ठ होने का पता चल रहा है। अतः यह उत्तमावस्था कहलाएगी।

    तुलनाबोधक विशेषण की अवस्थाओं के कुछ उदाहरण :

    मूलावस्था उत्तरावस्थाउत्तमावस्था
    महान महानतर महानतम
    लघु लघुतर लघुतम
    विशाल विशालतर विशालतम
    सुन्दर सुन्दरतर सुन्दरतम
    अधिक अधिकतर अधिकतम
    कोमल कोमलतर कोमलतम
    निम्न निम्नतर निम्नतम
    निकृष्ट निकृष्टतर निकृष्टतम
    चतुर अधिक चतुर सबसे अधिक चतुर
    बलवान अधिक बलवान सबसे अधिक बलवान
    कठोर  कठोरतर कठोरतम
    अच्छी अधिक अच्छी सबसे अच्छी
    बुद्धिमान अधिक बुद्धिमान सबसे अधिक बुद्धिमान
    उच्च उच्चतर उच्चतम
    गुरु गुरुतर गुरुतम
    न्यून न्यूनतर न्यूनतम
    तीव्र तीव्रतर तीव्रतम
    उत्कृष्ट उत्कृष्टतर उत्कृष्टतम
    प्रिय प्रियतर प्रियतम

     

    • एक बुद्धिमान व्यक्ति जग जीत सकता है।

    ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा की आप देख सकते हैं, यहां बुद्धिमान शब्द का प्रयोग किया गया है। जैसा की हम  जानते हैं, बुद्धिमान एक विशेषण शब्द है। यहां एक विशेषण शब्द का प्रयोग किया गया है लेकिन यहां किसी प्रकार की तुलना नहीं की जा रही है। अतः यह तुलनबोधक विशेषण की मूलावस्था कहलाएगी।

    • एक रॉकेट तीव्र गति से आकाश की ओर बढ़ता है।

    जैसा की आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं यहां तीव्र शब्द का प्रयोग किया गया है।  इस शब्द से हमें राकेट की गति की विशेषता का पता चलता है कि उसकी तीव्र गति होती है। हम जानते हैं की तीव्र एक विशेषण शब्द है। यहां एक विशेषण शब्द का प्रयोग किया गया है लेकिन यहां किसी प्रकार की तुलना नहीं की जा रही है। अतः यह तुलनबोधक विशेषण की मूलावस्था कहलाएगी।

    • मेघना ने कक्षा में उच्चतम अंक प्राप्त किये।

    ऊपर दिए गए उदाहरण में जैसा की आप देख सकते हैं यहां उच्चतम शब्द का प्रयोग किया गया है। जैसा की हम जानते हैं की उच्चतम शब्द उत्तरावस्था में है। यह शब्द हमें मेघना के अंक की विशेषता बता रहा है। यहां उच्चतम शब्द का प्रयोग करके कक्षा के सभी विद्यार्थियों के अंकों की तुलना की गयी है जिसमे मेघना के सबसे ज़्यादा अंक हैं। अतः यह तुलनबोधक विशेषण की मूलावस्था कहलाएगी।

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    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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