Sat. Nov 23rd, 2024
    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प

    अमरीका ने भुध्वार को ताइवान के संकरे जलमार्ग पर अपने दो नौसैनिक जहाजों को भेजा था। अमेरिका इस जलमार्ग पर चीन की बढते प्रभुत्व को कम करने के लिए अभियान चला रहा है। अमेरिका और चीन के मध्य दोबारा तनाव बढ़ गया है, चीन ताइवान को अपने प्रभुत्व वाला देश मानता हैं। ताइवान को अमेरिका का समर्थन चीन के मंसूबों पर पानी फेर सकता है। हालांकि ताइवान और चीन के मध्य विवाद अभी जारी है।

    अमेरिका के पैसिफिक में तैनात बेड़े ने कहा कि ताइवान के जलमार्ग पर अमेरिका के जहाज हमारी मुक्त और खुले इंडो पैसिफिक की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कानून की अनुमति के मुताबिक अमेरिकी जहाज कही भी उड़ान भरेंगे, जलयात्रा करेंगे और संचालन करेंगे।

    ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय जल पर ताइवान के जलमार्ग की यह एक समाया यात्रा थी और ताइवान के सेना इन जहाजों के संचालन पर निगाहें बनायीं हुई थी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा कि अमेरिका के कृत्य पर चीन ने अपनी चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने कहा कि हम अमेरिका से दरख्वास्त करना चाहते हैं हैं कि ताइवान के मसले को सावधानी और उपयुक्त तरीके से संभाले। उन्होंने कहा कि यह कार्य बिना चीन और अमेरिका रिश्तों एवं ताइवान के जलमार्ग की शांति और स्थिरता को बिना नुक्सान पंहुचाये संपन्न होना चाहिए।

    एर्जेंटिना में आयोजित जी-20 के सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग की मुलाकात पर समस्त विश्व की निगाहें टिकी है। अमेरिका का तैवान के साथ कोई समझौता नहीं है, लेकिन कानून के कारण खुद के बचाव के लिए करता है और ताइवान का हथियारों की निर्भरता पूरी तरह से अमेरिका पर है।

    अमेरिका और चीन के मध्य केवल ताइवान का मसला ही झगड़े की वजह नहीं बना है बल्कि व्यापार युद्ध, चीनी सेना पर अमेरिकी प्रतिबन्ध और दक्षिणी चीनी सागर पर चीनी सैन्य प्रभुत्व का बढ़ना भी दोनों राष्ट्रों के संबंधों में खटास के बीज बो रहे हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *