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    डब्ल्यू वी रमन

    डब्ल्यू वी रमन, भारत के पूर्व ओपनिंग बल्लेबाज को भारतीय महिला क्रिकेट टीम का नया कोच चुना गया है। बीसीसीआई ने भारतीय महिला टीम का नया कोच गुरुवार 20 दिसंबर को चुना था।

    इससे पहले टीम के अंचरिम कोच रमेश पोवार थे- लेकिन वेस्टइंडीज में खेले गए टी-20 विश्वकप के सेमीफाइनल में इंग्लैंड से मिली हार के बाद रमेश पोवार का कार्यकाल एक विवादस्पद चरण में जाकर खत्म हुआ, जहां सेमीफाइनल में जगह ना मिलने के बाद मिताली राज ने देश वापस लौटकर उनके ऊपर उन्हें अपनमान और उनके ऊपर पक्षपात का आरोप लगाया।

    रमन उन तीनो उम्मीदवारो में से एक थे जिन्हे विक्षापनदाता समीति ने भारतीय महिला टीम का कोच बनाने के लिए चुना था। उम्मीदवारो का जिन्होनें इंटरव्यू लिया उस पैनल में कपिल देव, अंशुमन गायकवाड़ और शांता रांगास्वामी थे। रमन के साथ दो उम्मीदवार जो और थे उसमें गैरी कर्सटन और वेंक्टेश प्रसाद का नाम भी शामिल था। इन तीनो सदस्यो को सीओए और बीसीसीआई समीति के पास भेजा गया था।उम्मीदवारो को कम करने की प्रकिया को समझाते हुए, गायकवाड़ ने कहा, ” यहां तक की उम्मीदवारो से कई सवाल पूछे गए, कुछ नीव-संबंधी सवाल शामिल थे, कि कोचिंग के लिए क्यो रुचि रखते हो, टीम को किस प्रकार आघे बढ़ाने की योजना रखते हो और कितनी भाषाओ में संवाद कर सकते है। हमने उनसे उनकी अपेक्षाओं के बारे में भी पूछा, किस तरह से सहायक स्टाफ की आवश्यकता होगी और कुछ सवाल थे।इन सभी सवालो के आधार पर हम अपने फैसले पर आए।”

    गैरी कर्स्टन पहली पसंद थे?

    भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम को 2011 में विश्वकप जीतवाने वाले गैरी कर्स्टन ने एक बहुत प्रभावशाली प्रस्तुती दी और तीन सदस्यो की समीति की मंजूरी जीती, लेकिन कर्स्टन जो कि पहले से आईपीएल में रॉयल चैलंजर्स की टीम के कोच है इस वजह से उनको यह पद नही दिया गया, हालांकि उनका भारतीय महिला टीम के कोच से कुछ लेना देना नही है। समिति ने वीरयता के अनुसार कर्सटन, रमन और उसके बाद वेंक्टेश प्रसाद को रखा, लेकिन रमन ने भूमिका निभाई।

    डब्ल्यू वी रमन के बारे में जाने

    w v raman

    रमन ने अपने क्रिकेट करियर में 11 टेस्ट मैच और 27 एकदिवसीय मैच खेले है। उनका फर्स्ट-क्लास करियर 1982 से 1999 तक चला जिसमें वह तमिलनाडु की तरफ से खेलते थे। तमिलनाडु की तरफ से उन्होने बहुत रन बनाए थे, उन्होनें अपने फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में 7939 रन बनाए है। उनका अच्छा 1988-89 उस समय उन्होने 1018 रन बनाए थे- जो कि एक रिकॉर्ड था, जो कि उनका रिकॉर्ड अभी तक 15 बल्लेबाज ही तोड़ पाए है। उन्होनें उस सीजन 2 दोहरे शतक और एक तीहरा शतक जड़ा था।

    उनका अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट भी ठीक रहा था, उन्होनें अपने पहले मैच में 83 रन और अपने पहले ओवर में ही एक विकेट चटकाया था, वह मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ उनके घरेलू मैदान में खेला गया था। वह पहले ऐसे भारतीय खिलाड़ी थे जिन्होने दक्षिण-अफ्रीका में पहला शतक जड़ा था।उनका अंतरराष्ट्रीय करियर थोड़ा थोटा रहा, वह भारतीय कोचिंग सर्किट में काफी लंबे समय तक रहे, (2005-2007) के बीच वह तमिलनाडु के कोच रहे, (2001-01, 2010-13) में वह बंगाल के कोच थे, उसके बाद 2013 में वह किंग्स इलेवन पंजाब के सहायक कोच थे और उसके बाद 2014 में कोलकाता नाईट राइडर्स के बैटिंग कोच बने थे।

    2015, से वह राष्ट्रीय क्रिकेट एकडमी में बल्लेबाजी सलाहकार के रुप में काम कर रहे है। इस अवधि में उन्होनें दुलिप ट्रॉफी, इंडिया-ए औऱ अंडर-19 टीमो के लिए कोच की भूमिका निभाई।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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