रेलवे ने शुक्रवार को संसद को बताया कि पहली अत्याधुनिक ट्रेन 18 दिल्ली और वाराणसी के बीच चलेगी। रेल राज्य मंत्री राजेन गोहैन ने राज्यसभा में एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ), चेन्नई में 2018-19 के दौरान 36 ट्रेन सेट कोचों के निर्माण की योजना बनाई गई है।
उन्होंने कहा, “आईसीएफ ने अक्टूबर 2018 में 16 ट्रेन सेट कोचों में से एक रैक को डिलीवर कर दिया है, जिसे ट्रायल पर रखा गया था। पहली ट्रेन -18 ट्रेन को दिल्ली-वाराणसी रेलखंड पर चलने का प्रस्ताव है।”
ट्रेन 18, 180 किमी प्रति घंटे की गति से रफ़्तार से सफ़र करने की क्षमता के साथ रेलवे की सबसे तेज ट्रेन होगी। इसमें समकालीन यात्री सुविधाएं हैं, जैसे कि ऑन-बोर्ड इन्फोटेनमेंट और जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली, सीसीटीवी, वापस लेने योग्य कोच के साथ स्वचालित स्लाइडिंग दरवाजे और शून्य निर्वहन वैक्यूम-आधारित जैव-शौचालय।
श्री गोहेन ने यह भी कहा कि लखनऊ के अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) ने ट्रेन -18 के आवश्यक प्रदर्शन परीक्षणों को पूरा किया है जिसमें अनिवार्य सुरक्षा जांच भी शामिल है। ट्रेन 18 को गुरुवार को दिल्ली और आगरा के बीच ट्रायल किया गया था, लेकिन उपद्रवियों द्वारा ट्रेन पर पथराव किया गया जिसकी वजह से ट्रेन की खिड़की के शीशे टूट गए।
संभावना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 दिसंबर को वाराणसी से ट्रेन को हरी झंडी दिखायेंगे। वाराणसी प्रधानमंत्री मोदी का निर्वाचन क्षेत्र है।
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