अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबंधों का बोझ डालकर उनकी अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान से तेल खरीदने वाले राष्ट्रों को पहले चरण के प्रतिबंध के बाद छह माह का अल्टीमेटम दिया था।
अमेरिका ने कहा कि ईरान से तेल आयत शून्य करने वाले राष्ट्रों के बाबत कहा कि उनकी अर्थव्यवस्था संभाल ली जाएगी। हाल ही में भारत ने ऐलान किया था कि उनकी दो भारतीय कंपनियो ने ईरान से तेल आयात करने का आर्डर दिया है। डोनाल्ड ट्रम्प ने खरीददार राष्ट्रों को तेल आयत शून्य करने का अल्टीमेटम दिया है।
डोनाल्ड ट्रम्प ने साल 2015 में हुई ईरान के संधि तोड़ दी थी। उन्होंने आरोप लगाया कि ईरान बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम का निर्माण कर रहा था साथ ही आतंकवाद को भी सहयोग दे रहा था। इस संधि के टूटने के बाद अमेरिका ने ईरान पर प्रतिबन्ध लगा दिए थे।
4 नवंबर से ईरान पर दूसरे चरण के प्रतिबन्ध लागू हो जाएंगे। यह प्रतिबन्ध ईरान के तेल, निर्यात क्षेत्र और केंद्रीय बैंक पर लागू होंगे। जो ईरानी अर्थव्यवस्था को तहस-नहस कर देंगे। राष्ट्रपति ट्रम्प ने तेल खरीददारों को लास्ट अल्टीमेटम जारी कर दिया है।
भारत और चीन जैसे देशों को ईरानी तेल खरीदने पर रियायत बरतने के बाबत अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिका उनका ध्यान रखेगा।
भारतीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को कहा था कि दो भारतीय फर्मों ने ईरान से नवंबर में तेल आयत का आर्डर दिया है। उन्होंने कहा था कि भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों की आपूर्ति करनी है। सऊदी अरब और इराक के बाद ईरान भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक देश है।
भारत ने 2017-18 में ईरान से 1.25 मिलियन टन तेल आयत किया था। चीन ईरान का सबसे बड़ा तेल खरीददार है। चीन किसी देश पर एकपक्षीय प्रतिबंधों के सख्त खिलाफ है।
भारत ने न्यूयॉर्क में हुई यूएन की बैठक में ईरान से तेल खरीदना जारी रखने का ऐलान किया था।