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    बीएसएनएल

    गुरूवार को मीडिया में एक बयान में टेलिकॉम डिपार्टमेंट के एक अधिकारी ने कहा की डिपार्टमेंट बीएसएनएल को फिर से सुचारू करने की पूरी कोशिश कर रहा है।

    हालिया रिपोर्ट का खंडन किया :

    हाल ही में एक रिपोर्ट आई थी जिसमे यह दावा किया गया था की घाटों के चलते सरकार बीएसएनएल को बंद करने पर विचार कर रही है। इस रिपोर्ट का टेलिकॉम डिपार्टमेंट ने खंडन करते हुए यह बयान दिया। रिपोर्ट में कहा गया था की  बीएसएनएल सरकार का सबसे ज्यादा घाटा देने वाल पीएसयू बन चूका है। इसके कारण सरकार ने बीएसएनएल को भविष्य में संचालन के लिए  विकल्प पर विचार करने को कहा है जिसमे एक विकल्प बीएसएनएल की सेवाएं रोक देनाऔर कंपनी को बंद कर देना है।

    बीएसएनएल का बयान :

    हाल ही में पेश की गयी इन रिपोर्ट्स का बीएसएनएल ने भी खंडन किया है। इस पर बीएसएनएल ने बयान दिया है की सरकार द्वारा बीएसएनएल के लिए ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया जिसमे की बीएसएनएल को बंद कर देने का विकल्प हो। सरकार बीएसएनएल की ग्रामीण क्षेत्रों में पहुँच और एक मजबूत बुनियादे ढाँचे को अहमियत देती है। बीएसएनएल इन्हीं कारणों की वजह से टेलिकॉम बाज़ार में एक अहम् योगदान देता है और सरकार इसे बंद करने के बारे में नहीं सोच सकती है।

    जोड़े 10 मिलियन से ज्यादा उपभोक्ता :

    रिलायंस जिओ एवं बीएसएनएल ने मिलकर कुल 10.8 मिलियन से भी ज्यादा उपभोक्ताओं को जोड़ा है। अतः यही दो ऑपरेटर हैं जिन्हें वास्तविकता में इस तिमाही में लाभ हुआ है। दुसरे ऑपरेटर के उपभोक्ता कम हुए हैं जिसके चलते उन्हें नुक्सान उठाना पद रहा है। अतः देखा देखा जाए तो बीएसएनएल के हालत दुसरे टेलिकॉम प्रदाताओं जितने खराब नहीं हैं और ऐसे में इसे बंद करना सही नहीं है।

    टाटा ग्रुप के साथ मिलकर बीएसएनएल बनाएगा स्मार्टकार :

    अपने टेलिकॉम क्षेत्र के बाहर भी बीएसएनएल नए अवसर तलाश रहा है और इसी के अंतर्गत बीएसएनएल ने कुछ समय पहले टाटा मोटर्स से साझेदारी की है जिसके अंतर्गत यह टाटा मोटर्स के साथ मिलकर स्मार्ट कार बनाने मिएँ मदद करेगा।इसके अंतर्गत टाटा मोटर्स की कारों में सिमकार्ड लगाए जाएंगे जिससे टाटा मोटर्स की कारों को स्मार्ट कार बनाया जा सकेगा।

    इस मामले में बीएसएनएल के चेयरमैन अनुपम श्रीवास्तव ने अपना बयान देते हुए कहा की हम पहले से ही एम्बेडेड सिम कार्यक्षमता के लिए टाटा मोटर्स के साथ भागीदारी कर चुके हैं। इससे पहले पांच लाख सिम कार्ड पहले ही मुहैया कराए गए थे, और हाल ही के प्रस्ताव के अंतर्गत ऐसे 10 लाख कार्ड और मुहैया कराये जाएंगे। 

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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