गणतंत्र दिवस के मौके पर, हजारो की तादाद में जमा भीड़ ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का भाषण सुना जो जींद के पुराने अनाज मंडी में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) का अभियान चला रहे थे। लोगों ने आप की टोपी पहने हुई थी, हाथ में झाड़ू और जेजेपी के झंडे पकड़े हुए थे।
जींद में उपचुनाव के दो दिन पहले हुई इस रैली को एक रणनीतिक कदम के तौर पर देखा जा रहा है ताकि जनता का रुख जेजेपी उम्मीदवार दिग्विजय चौटाला की तरह बढ़ जाए।
जींद निवासी सी पी सिंह जिन्होंने रैली में भाग लिया, उन्होंने कहा-“केजरीवाल का जेजेपी को समर्थन एक मास्टरस्ट्रोक है। उनके भाषण के बाद, सारे बनिया (व्यापारी समुदाय) वोट जेजेपी को ही जाएंगे।”
अपने आधे घंटे के भाषण में, उन्होंने जनता से सिफारिश की कि वे अपने वोट जेजेपी के समर्थन में ही डाले। उन्होंने कहा-“मैंने सुना है कि व्यापारी समुदाय इस उलझन में है कि वे किसको वोट दे। अब मैं यहाँ आ गया हूँ। क्या आपकी उलझन खत्म हो गयी है? मैं दिल्ली से अपने व्यस्त दिन से यहाँ सिर्फ आपके लिए आया हूँ।”
केजरीवाल के साथ साथ, दो चौटाला भाई और आप हरियाणा प्रमुख नवीन जयहिंद भी रैली में मौजूद थे।
आप ने आईएनएलडी से झगड़े के बाद अलग होकर बनी जेजेपी को समर्थन देने का फैसला किया है। जेजेपी ने उपचुनाव में हिसार के सांसद दुष्यंत चौटाला के छोटे भाई 27 वर्षीय दिग्विजय चौटाला को मैदान में उतारा है।
दिग्विजय को बड़ी मात्रा में जाटों के वोट मिलने की उम्मीद है जिनकी संख्या 45,000 है और स्थानीय लोगो को लगता है कि उन्हें गाँव से सबसे ज्यादा वोट मिलने की सम्भावना है। जींद निर्वाचन क्षेत्र में 60,000 से अधिक ग्रामीण वोटर हैं।
11,000 का बनिया समुदाय फैसले को बड़े पैमाने पर बदल सकता है इसलिए अभियान के आखिरी दिन केजरीवाल की यही कोशिश थी कि वे उपचुनाव की लहर बदल सकें।
शनिवार की रैली में, केजरीवाल ने आप और जेजेपी के बीच समानताएं बताईं और कहा कि दोनों दलों को वैचारिक रूप से गठबंधन किया गया था। केजरीवाल ने कहा-“जब भाजपा और कांग्रेस ने कुछ भी करने से इनकार कर दिया, तो हम तंग आ गए और दिल्ली में चीजों को बदलने के लिए अपनी पार्टी शुरू की। दुष्यंत ने एक नई पार्टी शुरू करने के लिए अपनी पुरानी पार्टी (आईएनएलडी) और उसके प्रतीक की बलि दे दी।”
केजरीवाल ने भाजपा की अगुवाई वाली मनोहर लाल खट्टर सरकार पर भी तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने चुनाव से पहले तो बड़े बड़े वादे किये थे मगर पिछले साढ़े चार सालों में ज्यादा कुछ नहीं किया।
फिर उन्होंने स्थानीय लोगों को उपचुनाव का महत्त्व समझाया। उन्होंने कहा-“पूरा देश आपको देख रहा है। जींद का नतीजा, लोक सभा चुनाव में भी दिखेगा और बाद में हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी दिखेगा। हरियाणा क्रांतिकारियों की भूमि है। अगर दिल्ली के लोग 70 में से 67 सीटें आप को दे सकते हैं, तो हरियाणा के लोग भी ऐसा कर सकते हैं।”
दिग्विजय ने कहा कि चुनाव एक हफ्ते पहले तीन तरह के चुनाव थे, लेकिन समीकरण बदल गया है। उनके मुताबिक, “कांग्रेस अब बाहर है, आप सभी जानते हैं कि वे उपचुनाव में तीसरे या चौथे स्थान पर रहेंगे। यहां तक कि जब सुरजेवाला राज्य में पीडब्ल्यूडी मंत्री थे, तब भी उन्होंने जींद के लिए कुछ नहीं किया।”
दिग्विजय ने फिर आगे कहा कि जींद और हरियाणा को आप के स्टाइल का शासन चाहिए। उन्होंने कहा-“हमें दिल्ली जैसे ही स्कूल और अस्पताल चाहिए।” दिग्विजय के बड़े भाई दुष्यंत ने भी जींद उपचुनाव के महत्व पर जोर डालते हुए कहा कि इसका परिणाम, केंद्र में मौजूद मोदी सरकार को भी महसूस होगा।
इस रैली के माध्यम से, केजरीवाल ने हरियाणा अभियान भी शुरू कर दिया और दिल्ली में अपनी सरकार द्वारा किये गए कामों का गुणगान करने लगे। उन्होंने कहा-“भाजपा और कांग्रेस शिक्षा के लिए, दशकों में भी कुछ नहीं कर पाई मगर आप सरकार ने दिल्ली के हर स्कूल को बेहतर बनाया है। हमारे सरकारी स्कूल में, प्राइवेट स्कूल की तुलना में बेहतर परिणाम आ रहे हैं।”
सब्सिडी वाले बिजली बिलों से लेकर शहीद सैनिकों के परिजनों को मुआवजा राशि देने तक, केजरीवाल ने दिल्ली और हरियाणा सरकारों की तुलना की।
“मैं भी हरियाणा से हूँ। अगर कुछ युवा पुरुष दिल्ली को बदल सकते हैं, तो वे हरियाणा को भी बदल सकते हैं।”
आईएनएलडी के नेता और अभय चौटाला के बेटे अर्जुन चौटाला ने आप के प्रभाव को नीचा दिखाते हुए कहा-“दिल्ली ने केजरीवाल को पूर्ण बहुमत दिया मगर वे पचा नहीं पाए। सत्ता में आना इतना मुश्किल नहीं है, पकड़े रहना है।”