Mon. Dec 23rd, 2024
    how to write java program in hindi

    विषय-सूचि


    कई बार, प्रोग्राम में हमें निर्णय लेने की जरुरत होती हैं, की विशिष्ट कंडीशन एक्सीक्यूट हुईं हैं या नहीं, इसे जांचने के लिए हमारे निर्णय(डिसिजन) के आधार पर कुछ स्टेटमेंट्स को एक्सीक्यूट किया जाता हैं।

    डिसिजन मेकिंग स्टेटमेंट्स को सिलेक्शन स्टेटमेंट्स भी कहा जाता हैं, क्योंकि यह डिसिजन मेकिंग स्टेटमेंट्स तय करते हैं की कौन से स्टेटमेंट्स को एक्सीक्यूट किया जाए।

    डिसिजन मेकिंग स्टेटमेंट्स में एक या एक से ज्यादा कंडीशन्स होते हैं, अगर कंडीशन सही हैं। तो आगे लिखे गए ब्लॉक को एक्सीक्यूट किया जाता हैं। अगर कंडीशन गलत है, तो स्टेटमेंट्स के ब्लॉक को आगे एक्सीक्यूट नहीं किया जाता, और कण्ट्रोल, उस स्टेटमेंट से बाहर सोंप दिया जाता हैं।

    जावा में निर्देशन (decision making in java in hindi)

    जावा में, 3 प्रकार के डिसिजन मेकिंग स्टेटमेंट्स हैं-

    1. इफ स्टेटमेंट्स(if statements)

    2. इफ-एल्स स्टेटमेंट्स(if-else statements)

    3. स्विच स्टेटमेंट(switch statement)

    1. इफ स्टेटमेंट (If statement in hindi)

    इफ स्टेटमेंट, सभी कण्ट्रोल स्ट्रक्चर्स(डिसिजन मेकिंग स्टेटमेंट्स) में सबसे सरल एवं मुलभुत स्टेटमेंट हैं। इफ स्टेटमेंट, का इस्तेमाल प्रोग्राम में दी गयी कंडीशन(शर्त/परिस्थिति) को जांचने के लिए किया जाता हैं।

    अगर कंडीशन सही हैं, तो ही इफ में लिखे गए स्टेटमेंट्स, जावा कम्पाइलर द्वारा एच्क्सेचुते किए जाएँगे। अगर कंडीशन(शर्त) पूरी नहीं होती तो प्रोग्राम कण्ट्रोल इफ स्टेटमेंट से बाहर आ जाता हैं।

    सिंटेक्स(Syntax)

    If(condition)

    {

    Statements;

    }

    इफ स्टेटमेंट का प्रवाह संचित्र(फ्लो चार्ट)-

    उदहारण-

    class HelloJava

    {

    int a=20;

    public static void main(String args[])

    {

    if(a>40)

    {

    System.out.println(“Number is grater than 40);

    }

    }

    }

    स्पष्टीकरण-

    यहाँ, HelloJava नामक एक क्लास को डिफाइन किया गया हैं। एक वेरिएबल a जिसका डेटा टाइप इन्टिजर हैं उसे डिक्लेअर किया गया हैं। a की शुरुवाती वैल्यू 20 दी गयी हैं।

    अब, मेन फंक्शन में इफ स्टेटमेंट का इस्तेमाल कर कंडीशन लिखी गयी हैं। इस कंडीशन में a की वैल्यू 40 से अधिक हैं क्या नहीं इसे जांचा गया हैं। a की वैल्यू 20 हैं, जोकि 40 से कम हैं। क्योंकि यह कंडीशन गलत हैं, और इसी कारन इफ स्ट्रक्चर के अन्दर लिखे गए स्टेटमेंट एक्सीक्यूट नहीं किए जाएँगे। और इफ स्टेटमेंट का अंत हो जाएगा।

    2. इफ एल्स स्टेटमेंट (java If-Else statement in hindi)

    इफ स्टेटमेंट और इफ एल्स स्टेटमेंट दोनों समान ही लेकिन, जहाँ इफ स्टेटमेंट में कंडीशन गलत साबित होने पर, इफ स्टेटमेंट का अंत हो जाता हैं। वहीँ इफ-एल्स स्टेटमेंट में कंडीशन गलत होने पर एक अलग ब्लॉक को एक्सीक्यूट किया जाता हैं।

    सिंटेक्स(Syntax)-

    If(condition)

    {

    Statements;

    }

    else

    {

    Statements;

    }

    इफ-एल्स स्टेटमेंट का प्रवाह संचित्र(फ्लो चार्ट)-

    उदहारण-

    class Even

    {

    a=2;

    public static void main(String args[])

    {

    if(a%2==0)

    {

    System.out.println(“Number is Even number.”);

    }

    else

    {

    System.out.println(“Number is odd number.”);

    }

    }

    }

    स्पष्टीकरण-

    Even एक क्लास हैं, और क्लास के अन्दर एक इन्टिजर वेरिएबल “a” लिया गया हैं, जिसकी वैल्यू 2 हैं। अब मेन फंक्शन में इफ-एल्स स्टेटमेंट की मदत से, a सम अंक हैं या विषम अंक हैं, यह जांचा गया हैं।

    इफ-एल्स के पहले भाग में, कंडीशन लिखी गयी हैं। अगर किसी भी संख्या को 2 से निश्शेष भाग जाता हैं, तो उसे सम संख्या कहा जाता हैं। और अगर निश्शेष भाग नहीं जाता हो तो उसे विषम संख्या कहा जाता हैं।

    इसी मुलभुत प्रमेय का उपयोग इस प्रोग्राम में किया गया हैं। अगर इफ कंडीशन सही(ट्रू) हैं तो a एक सम संख्या हैं या फिर विषम।

    सबसे पहले कण्ट्रोल इफ कंडीशन को चेक करेगा, यह कंडीशन सही हैं। क्योंकि 2 एक सम संख्या हैं, अब इफ-एल्स स्टेटमेंट के पहले ब्लॉक में लिखे गए स्टेटमेंट को एक्सीक्यूट किया जाएगा।

    3.1 नेस्टेड इफ-एल्स स्टेटमेंट (Nested If-Else statements in hindi)

    इफ, इफ-एल्स स्टेटमेंट के विपरीत नेस्टेड इफ-एल्स स्टेटमेंट स्ट्रक्चर में एक से ज्यादा कंडीशन्स चेक किए जाते हैं। अगर एक कंडीशन गलत होती हैं, तो उसे और जांचने हेतु अधिक कंडीशन्स का इस्तेमाल किया जाता हैं।

    नेस्टेड इफ एल्स स्टेटमेंट्स को इफ-एल्स स्टेटमेंट का उन्नत रूप कहा जा सकता हैं।

    सिंटेक्स(Syntax)

    If(Boolean-expression 1)

    {

    if(Boolean-expression 2)

    {

    statement 1;

    }

    else

    {

    Statement 2;

    }

    }

    else

    {

    Statement 3;

    }

    नेस्टेड इफ-एल्स स्टेटमेंट का प्रवाह संचित्र(फ्लो चार्ट)-

    उदहारण-

    int age = 29;

    if (age < 13)

    {

    System.out.println(“You are but a wee child!”);

    }

    else

    if (age < 19)

    {

    System.out.println(“You are no longer a child, but a budding teenager.”);

    }

    else

    {

    if (age < 65)

    {

    System.out.println(“You are an adult!”);

    }

    else

    {

    System.out.println(“You are now a senior, enjoy the good life friends!”);

    }

    System.out.println(“Also, since you are over the age of 19, you deserve a drink!”);

    }

    स्पष्टीकरण-

    इस प्रोग्राम में एक इन्टिजर वेरिएबल age इनिशियलाइज़ किया गया हैं, जिसकी वैल्यू 29 हैं। और नेस्टेड इफ एल्स की मदत से सभी कंडीशन्स को जांचा गया हैं।

    सबसे पहले, प्रोग्राम में पहला इफ स्टेटमेंट चेक किया जाएगा। पहली कंडीशन गलत होने के कारन अब कण्ट्रोल एल्स पार्ट में लिखे गए दुसरे इफ स्टेटमेंट पर जाएगा और कंडीशन चेक की जाएगी। जैसा की आप प्रोग्राम में देख सकते हैं, की एल्स पार्ट में लिखे गए इफ स्टेटमेंट की कंडीशन भी गलत हैं।

    अब कण्ट्रोल एल्स पार्ट में चला जाएगा और कंडीशन चेक की जाएगी, जोकि सही हैं। अब इफ स्टेटमेंट के साथ लिखे गए अन्य स्टेटमेंट्स एक्सीक्यूट किए जाएँगे।

    3. स्विच स्टेटमेंट (Switch statement in hindi)

    स्विच स्टेटमेंट का उपयोग एक से ज्यादा कंडीशन्स चेक करने के लिए किया जाता हैं। नेस्टेड इफ एल्स स्टेटमेंट स्ट्रक्चर के विपरीत स्विच स्टेटमेंट समझने में आसान और सरल हैं

    सिंटेक्स(Syntax)

    switch(expression)

    {              case value:

    Statements;

    break;

    case value:

    statements;

    break;

    default:

    statements;

    break;

    }

    स्विच स्टेटमेंट का प्रवाह संचित्र(फ्लो चार्ट)-

    उदहारण-

    public class SwitchDemo

    public static void main(String args[])

    {

    int choice=2;

    switch(choice)

    {

    case 1:

    System.out.println(“You have selected option 1:”);

    break;

    Case 2:

    System.out.println(“You have selected Option 2”);

    break;

    default:

    System.out.println(“You have selected default option”);

    break;

    }

    स्पष्टीकरण-

    SwitchDemo इस क्लास के मेन फंक्शन में, एक इन्टिजर वेरिएबल choice लिया गया हैं, जिसकी वैल्यू 2 हैं। अब इस वेरिएबल को स्विच स्टेटमेंट के पैरामीटर(आर्गुमेंट) के रूप में पास किया हैं।

    अब स्विच स्टेटमेंट choice की वैल्यू और केस वैल्यू के बीच तुलना कर, जिस केस की वैल्यू, choice के समान हैं। उससे जुड़े स्टेटमेंट को एक्सीक्यूट करेगा।

    अब, इस प्रोग्राम में दूसरा केस आप्शन और choice की वैल्यू समान हैं, तो दुसरे केस आप्शन से जुड़े स्टेटमेंट्स रन किए जाएँगे और स्विच स्टेटमेंट का एक्सीक्यूशन यही समाप्त हो जाएगा।

    इस विषय से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    By प्रशांत पंद्री

    प्रशांत, पुणे विश्वविद्यालय में बीबीए(कंप्यूटर एप्लीकेशन्स) के तृतीय वर्ष के छात्र हैं। वे अन्तर्राष्ट्रीय राजनीती, रक्षा और प्रोग्रामिंग लैंग्वेजेज में रूचि रखते हैं।

    2 thoughts on “जावा-डिसिजन मेकिंग स्टेटमेंट्स क्या हैं?”
    1. Java mein prograam likhte samay hamen decision making statements ki zarurat kyon padti hai? Kya decision making ka program me hoja zaroori hota h?

      1. Decision making statements ke jariye ham computer ko batate hain, ki condition sahi/galat hone par kya kiya jaae. Yeh program par depend karata hain, ki decision making statement ko add kiya jay ki nahi.

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