चीन ने पाकिस्तानी समर्थित आतंकी मसूद अज़हर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की भारत को अपील को फिर ठुकरा दिया है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने पत्रकारों से कहा कि “चीन ने फियादीन हमले की रिपोर्ट को देखा है। हम इस हमले से गहरे सदमे में हैं।”
वैश्विक आतंकी नहीं करेंगे घोषित
उन्होंने ने कहा कि “हमारी शहीद और जख्मी सैनिकों के परिवारों के साथ सहनुभूति और संवेदना है। हम सभी तरीके के आतंकवाद की कड़ी निंदा करते हैं। उम्मीद है कि क्षेत्रीय देश आतंकी खतरे से निपटने के लिए एकजुट सहयोग करेंगे और क्षेत्रीय शान्ति और स्थिरता के लिए एकसाथ आएंगे।”
मसूद अज़हर को यूएन सुरक्षा परिषद् में वैश्विक आतंकी घोषित करने पर चीन का पक्ष के बाबत उन्होंने कहा कि “1267 सुरक्षा परिषद् कमिटी ने आतंकी संघठनो के खिलाफ लिस्टिंग पर शर्त और प्रक्रिया स्पष्ट है। चीन प्रतिबंधों से सम्बंधित मसलों को रचनात्मक व दायित्व से संभालेगा।”
दिसंबर 1999 में अटल बिहारी वाजपयी सरकार के कार्यकाल में मसूद अज़हर को रिहा कर दिया गया था। इसके साथ ही मुश्ताक़ अहमद ज़रगर और ओमर शेख को भी रिहा किया गया था। इन आतंकियों की रिहाई हाईजैक इंडियन एयरलाइन फ्लाइट IC-814 के यात्रियों के बदले की गयी थी।
भारत ने कई बार मसूद अज़हर को यूएन में वैश्विक आतंकी घोषित करने की कोशिश की है लेकिन चीन ने हमेशा अड़ंगा डाला है।
चीन का इंकार
हाल ही में चीन ने पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के मालिक अजहर मसूद को वैश्विक आतंकवादी न मानने की अपनी रणनीति का बचाव किया था। चीनी के विदेश मंत्री ने दावा किया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् के सदस्यों की इस पर आम सहमति नहीं है। भारत और पाकिस्तान के दल की भी इस मामले पर सहमती न बनने के कारण अजहर मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित नहीं किया जा सकता है।
जेइएम के मुखिया का यूएन की प्रतिबन्धित आतंकियों की सूची में नाम शामिल है। चीन ने कहा कि यदि सभी दल इस पर रजामंदी देंगे तो चीन भी इसे समर्थन करेगा लेकिन भारत और पाकिस्तान जैसे देश इस मसले पर सहमत नहीं है। उन्होंने कहा वह आतंकवादी है या नहीं यह साबित पुख्ता सबूतों और तथ्यों पर आधारित होगा। उन्होंने कहा अजहर मसूद के खिलाफ कोई सबूत मिलता है तो पाकिस्तान भी इसका समर्थन करेगा। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान की आतंकवाद से निपटने के तरीके की भी सराहना की थी।