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    चीन

    चीन की महत्वकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड को लेकर अमेरिका के विचार कर्ज में डूबने वाली परियोजना रही है। रायटर्स के मुताबिक अमेरिका के राज्य विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि “चीन में इस माह के अंत में आयोजित बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के आयोजन में अमेरिका उच्च स्टार के अधिकारीयों को नहीं भेजेगा।”

    विदेशी नेताओं की भरमार

    चीन के वरिष्ठ कूटनीतिज्ञ यांग जिएची ने शनिवार को कहा था कि “इस सम्मेलन में 40 विदेश के नेता शामिल होंगे। आलोचकों द्वारा इसे ‘पक्षपातपूर्ण’ प्रोजेक्ट कहने के बयान को उन्होंने खारिज किया है।” साल 2017 में बीआरआई की पहली बैठक का आयोजन हुआ था जिसमे एशिया के व्हाइट हाउस अधिकारी मैट पोटिंगेर ने शिरकत की थी।

    इस प्रोजेक्ट में पुराने रेशम मार्ग का पुनर्निर्माण कर चीन को एशिया, यूरोप और अन्य देशों से जोड़ा जा रहा है। अमेरिकी राज्य विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि “इस वर्ष ऐसी कोई योजना नहीं है। हम अमेरिका से उच्च स्तरीय प्रतिनिधियों को नहीं भेजेंगे। हम निरंतर अपारदर्शी वित्तीय अभ्यासों, बेकार शासन और उपेक्षा के खिलाफ चिंता जताते रहेंगे, जो कई मनको और सिद्धांतों की अवहेलना करता है। हम सतत, समन्वय विकास और स्थरता कायम रखने व नियम पर आधारित आदेशों को मानने का प्रचार करते रहेंगे।”

    कट्टर रणनीतिक दुश्मन अमेरिका

    अधिकारी ने कहा कि “हमने बारम्बार चीन के समक्ष इस इन चिंताओं को जाहिर किया है।” चीन के राष्ट्रपति की महत्वकांक्षी परियोजना बीआरआई कई पश्चिमी राज्योंविशेषकर वांशिगटन में विवादित है। अमेरिका के मुताबिक यह परियोजना विश्व में चीनी प्रभुत्व में विस्तार और छोटे देशों को अपारदर्शी प्रोजेक्टों के जरिये कर्ज के दलदल में दबा देना है।

    शनिवार को चीनी अधिकारी ने कहा कि “चीन के नजदीकी मित्रों ने उपस्थिति की पुष्टि कर दी है इसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान, फ़िलीपीन्स के राष्ट्रपति रोड्रिगो डुटर्टे और कम्बोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन है।”

    हाल ही में इटली ने चीन की बीआरआई परियोजना में दस्तखत कर दिए थे और अमेरिका ने इटली के निर्णय की आलोचना की थी। वांशिगटन चीन को अपना रणनीतिक दुश्मन मानता है और ट्रम्प प्रशासन ने बीजिंग से साथ शुल्क में जैसे को तैसा वाला गेम खेला है। विश्व की दो आर्थिक ताकत अभी व्यापार जंग से जूझ रही है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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