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    चीनी परियोजना बीआरआई का पोस्टर

    चीन अपनी विस्तारवादी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव परियोजना की आगामी वर्ष अप्रैल में मेजबानी करेगा। पापुआ न्यू गुइनेअ में आयोजित एशिया-पैसिफिक इकॉनोमिक कोऑपरेशन (अपेक) नेताओं की बैठक को राष्ट्रपति शी जिंगपिंग ने  संबोधित करते हुए कहा कि चीन के लिए मज़बूत कनेक्टिविटी की एक उच्च प्राथमिकता है और बीआरआई में सहयोग अब एक नए चरण में प्रवेश कर चुका है।

    चीनी प्रधानमन्त्री ने कहा कि चीन सभी देशों के साथ साझे हित के सिद्धांत के तहत कार्य करने को तत्पर है। उन्होंने कहा कि यह परियोजना बेहतरीन नतीजे और एशिया-पैसिफिक व अन्य देशों की जनता को उच्च विकास के अवसर मुहैया करेगी।

    बीआरआई चीन के राष्ट्रपति की विदेश नीति की शोभा है। इस परियोजना के तहत चीन अफ्रीका, एशिया और यूरोप के 80 से अधिक देशों में बंदरगाह, ऊर्जा संयंत्र और अन्य बुनियादी ढांचों का निर्माण करेंगे। चीन के अनुसार यह पहल सभी देशों के लिए फायदेमंद साबित होगी। इसमें से अधिकतर रेलवे और हाईवे प्रोजेक्ट चीन को पाकिस्तान और लाओस से जोड़ेंगे।

    इससे पूर्व चीन ने मई 2017 में पहली बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव की सभा की मेजबानी की थी। इस बैठक में 100 से अधिक देशों और 29 से अधिक राष्ट्रीय नेताओं ने शिकरत की थी। बहरहाल इस परियोजना के लिए चीन द्वारा अन्य देशों को दिए गए कर्ज से उन देशों के लिए परेशानिया बढ़ सकती है। पाकिस्तान और मलेशिया ने चीन की इस परियोजना का पर दोबारा बातचीत के लिए दबाव बनाया था।

    अमेरिका और चीन के मध्य व्यापार युद्ध के अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति चीनी परियोजना की आलोचना करते रहा हैं। उनके मुताबिक यह परियोजना चीन कंपनियों की हितैषी है और चीन सिर्फ अपने भूराजनीतिक लक्ष्यों को साधने में लगा हुआ है। अपेक सम्मलेन में अमेरिकी उपराष्ट्रपति माइक पेन्स ने कहा कि चीन विकासशील देशों के कांधों पर वो कर्ज डाल रहा है, जिसका भार वे नहीं उठा सकते हैं।

    माइक पेन्स के बयान का जवाब देते हुए चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन के सहयोग के कारण कोई विकासशील देश आर्थिक चुनौतियाँ नहीं झेल रहा है और अमेरिका को दूसरे देशों पर ऊँगली उठाने से बाज आना चाहिए।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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