मालदीव के विदेश मंत्री अपने प्रतिनिधि समूह के साथ चार दिवसीय भारत यात्रा पार आये हैं। मालदीव के रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन प्रस्तावित कीमतों के तुलना में काफी अधिकार दामों पर इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट का निर्माण कर रहा है। उन्होंने कहा कि मालदीव अपने किये वादों से मुकर नहीं सकता है।
राष्ट्रपति इब्राहीम सोलिह ने इस माह ही सरकार का कार्यभार संभाला है और अब अब्दुल्ला यामीन द्वारा किये गए समझौतों की समीक्षा कर रहा है। अब्दुल्ला यामीन देश को चीनी कर्ज के तले दबाकर राष्ट्रपति पद छोड़ गए हैं। चीन मालदीव की राजधानी माले से एक द्वीप को दोड़ता हुए एयरपोर्ट का निर्माण कर रहा है, साथ ही हवाईअड्डे का विकास कार्य भी खुद चीन कर रहा है।
मालदीव के वित्त मंत्री इब्राहीम आमिर ने कहा कि उनके अधिकारियूं ने बीते सप्ताह पूर्व सरकार द्वारा लिए गए कर्ज की समीक्षा की और दी गयी सम्प्रभुत्व गारंटी की भी जानकारी जुटाई थी। उन्होंने कहा कि अधिकतर परियोजनाओं की कीमत अधिक है और उन पर कार्य जारी है। उन्होंने कहा कि सरकार ब्रिज निर्माण सहित सभी पूरे हुए कॉन्ट्रैक्ट पर मुकर नहीं सकती है।
उन्होंने कहा की सरकार दोबारा बातचीत के सिलसिले में ज्यादा कुछ नहीं कर सकती है लेकिन अपने आगे के उद्देश्य की तरफ बढ़ सकती है, वह इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की कीमतों में कमी करना है। उन्होंने कहा कि माले में चीन एक अस्पताल का निर्माण कर रहा है, जिसकी कीमत 140 मिलियन डॉलर है जबकि उस प्रोजेक्ट की असल कीमत 54 मिलियन डॉलर है।
चीन अपनी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल और पाकिस्तान में बंदरगाह, राजमार्ग और ब्रिज का निर्माण करवा रहा है। इस परियोजना के कारण कई विकासशील और छोटे देश कर्ज के दलदल में दब चुके हैं। मालदीव के विदेश मंत्री ने कहा कि उन्होंने भारतीय नेताओं को सुनिश्चित कर दिया है कि उनका देश पडोसी के साथ मज़बूत सम्बन्ध चाहता है और भारत पहले की नीति की इच्छा रखता है।
प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी मालदीव के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शरीक हुए थे। उन्होंने कहा था कि मालदीव की आर्थिक चुनौतियों में हर संभव मदद को तत्पर है। चीन ने इनकार किया है कि उसकी परियोजनाओं के कारण मालदीव की आर्थिक हालत बिगड़ी है।