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    मोहम्मद नशीदMaldives former president Mohamed Nasheed speaks during a news conference in Colombo, Sri Lanka February 9, 2017. REUTERS/Dinuka Liyanawatte

    चीन की ईस्ट इंडिया कंपनी से तुलना करते हुए मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने आरोप लगाया कि बीजिंग ने बिना बुलेट को फायरिंग करे ईस्ट इंडिया कंपनी से अधिक जमीन को हथिया दिया है। माले में इंडियन ओसियन कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए नशीद ने पूर्ववर्ती सरकार पर आरोप लगाया है कि पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामिन के कार्यकाल में चीन की सहूलियत के लिए देश को कर्ज के दलदल में डूबा दिया गया था।

    नशीद ने कहा कि “सरकार पर शिकंजा कसा, कानूनों में तबदीली की, ज्यदा कीमतों के कॉन्ट्रैक्ट लिए और इसकी कीमत के कारण कारोबारियों की योजना असफल हो गयी, व्यावसायिक कर्ज दिया और फिर इसे वापस करने में असमर्थ रहे। अब तुम रकम को लौटा नहीं सके तो संप्रभुता को दांव पर लगा दिया। मैं विशेषकर चीन की तरफ इशारा कर रहा हूँ।”

    मोहम्मद नशीद साल 2008 से 2012 तक मालदीव के चौथे राष्ट्रपति थे। वह मालदीव के पहले लोकतान्त्रिक तरीके से चुने हुए राष्ट्रपति थे जब मॉमून अब्दुल गयूम का तीन दशको की राजशाही खत्म हुई थी। उन्होंने कहा कि “भूमि पर कब्ज़ा वैश्विक स्तर पर हो रहा है। वे सामान्य है जहां मानव अधिकारों का संरक्षण बेहद कम है।”

    नशीद को मई में देश की संसद के प्रमुक के तौर पर नियुक्त किया गया था उनकी मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी ने दो तिहाई बहुमत से चुनावो में जीत हासिल की थी। पूर्व राष्ट्रपति पर भ्रष्टाचार कजे आरोपों को शीर्ष अदालत ने खारिज कर दिया था और उसके बाद उनकी निर्वासन अवधि समाप्त हुई थी।

    उन्होंने जोर देते हुए कहा कि “वह मालदीव में ज्यादा विदेशी निवेश चाहते हैं। यह लोकतान्त्रिक तरीके से होना चाहिए और इससे फायदा उठाने में हम सक्षम होने चाहिए। बीते पांच सालो में एक भारी मात्रा में व्यावसायिक धन देश में आया है। यह हमरे लिए एक चिंता का विषय है और यह अन्याय है। मालदीव में आये धन की सटीक आंकड़ा हमें समझना चाहिए और इसी धन को वापस करना चाहिए।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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