विषय-सूचि
ग्राफिक्स कार्ड क्या है? (what is graphics card in hindi)
एक ग्राफिक्स कार्ड कम्प्युटर का वो हार्डवेयर होता है जो की कम्प्युटर के मॉनिटर पर चित्र दिखाने मे काम आता है।
ग्राफिक्स कार्ड डाटा को सिग्नल में बदलकर मॉनिटर को चित्रों को दिखने का निर्देश देता है ताकि हम आसानी से चित्रों और बाकी के आकारों को देख पाएँ।
हमारा ग्राफिक्स कार्ड जितना बढ़िया होगा हम उतना ही बढ़िया चित्र कम्प्युटर के मॉनिटर पर देख पाएंगे।
ग्राफिक्स कार्ड उन लोगो के लिए बहुत उपयोगी है जिन लोगों को गेम खेलने और विडियो एडिटिंग का शौक होता है क्योंकि वो बड़े बड़े सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करते हैं इसलिए उन्हे अच्छे ग्राफिक्स कार्ड की जरूरत होती है।
ग्राफिक्स कार्ड के प्रकार (types of graphics card in hindi)
इंटीग्रेटेड (Integrated graphics card in hindi)
इस तरह के ग्राफिक्स सीधा मदरबोर्ड में लगते हैं इनका कोई अलग से कार्ड नहीं होता।
इस तरह के ग्राफिक्स कार्ड बहुत ही अच्छे अच्छे मानक वाले कम्प्युटर और लैपटाप में होते हैं सामान्य रूप से ये महंगे होते हैं पर इनका आसानी से नवीनीकरण नहीं हो पाता।
डिस्क्रीट (Discrete graphics card in hindi)
यह एक add-in ग्राफिक्स कार्ड है जो की एक अलग कॉम्पोनेंट की तरह मदरबोर्ड में लगाया जाता है। यह उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी है जिनको अपने ग्राफिक्स कार्ड को नवीनीकरण करना होता है क्योंकि इसका नवीनीकरण हम आसानी से कर सकते हैं।
ज़्यादातर लोग आधुनिक कम्प्युटर का इस्तेमाल कर रहे हैं जिनका काम या तो इंटरनेट चलाना, सिनेमा देखना या फिर डॉकयुमेंट बनाना होता है यह सब हम इंटीग्रेटेड ग्राफिक्स से भी कर सकते हैं।
जीपीयू (GPU in hindi)
जीपीयू (gpu) का मतलब ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट होता है। यह एक तरह से ग्राफिक्स कार्ड का दिमाग है और यही मॉनिटर की स्क्रीन पर चित्रो को दर्शाने का काम करता है।
जीपीयू की पावर हर मॉडल में अलग अलग होती है। जीपीयू एक तरह से अनुवादक का काम करता है यह सीपीयू से डाटा को लेता है और उसको इमेज में बदल देता है।
जितने अच्छे और बड़े गेम और ग्राफिक्स वाली चीज़ हमें चलानी होगी हमे उतना ही अच्छा और तेज़ जीपीयू चाहिए होगा जिससे वो डाटा को सिग्नल मे बदल पाए और उसको मॉनिटर पर आसानी से दिखा पाए।
एक्सपैनसन स्लोट्स (Expansion slots in hindi)
हम अपने कम्प्युटर के ग्राफिक्स को बढ़ा सकते हैं कार्ड् को लगा कर। आजकल कुछ सालों से ग्राफिक्स कार्ड काफी बदल चुके हैं उनको पिसिआई (Peripheral Component Interconnect), ऐजीपी (Accelerated Graphics Port) से PCI-E (PCI Express Gen1/2/3) में बदल दिया गया है जो की अच्छी बेंड्विड्थ देता है।
कुछ मदरबोर्डों में एक्सपैनसन स्लोट्स का विकल्प होता है जो की हमे एक से ज्यादा ग्राफिक्स कार्ड लगाने का ऑप्शन देता है वो असलाई (निविडिया) और क्रॉसफायर एक्स (ए एम डी) हैं जो की उपयोगकर्ता के सिस्टम की क्षमता बढ़ाने में काम आता है।
उपयोगकर्ता को यह तकनीकी ग्राफिक्स कार्ड इस्तेमाल करने के लिए मदरबोर्ड के अंदर असलाई और क्रॉसफायर चाहिए होता है। असलाई को हम स्केलेबल लिंक इंटरफ़ेस भी बोलते हैं जो की निविडिया द्वारा बनाया गया था बहुत सारे कार्ड्स को एक साथ एक ही सिस्टम मे जोड़ने के लिए।
एफ़पीएस (FPS in hindi)
नए दौर के गेम्स में 3डी एक्शन होता है और भरपूर फॉटोशॉप होती है उसके लिए हमें ग्राफिक्स कार्ड भी बड़े अच्छे और नई तकनीकी वाले चाहिए होते हैं।
तगड़ी इमेज क्वालिटी के लिए हमारा कम्प्युटर भी उसी फ्रेम रेट के हिसाब से दिखाने वाला होना चाहिए इस तरह के चित्र एफ़पीएस यानि फ्रेम पर सेकंड में हमें चित्र दिखाते हैं।
अगर हमारे ग्राफिक्स कार्ड की रेट कम होगी तो जो हम गेम चला रहे होंगे वो अटक अटक के चलेगा और बहुत ही बुरा प्रदर्शन करेगा।
रैम विन्यास (Ram configurations)
आजकल के ग्राफिक्स कार्ड में रैम मेमोरी भी होती है जो की पूरी तरह ग्राफिक्स की मेमोरी होती है और यह कम्प्युटर वाली रैम से बिलकुल अलग होता है।
आजकल के ग्राफिक्स कार्ड की मेमोरी 512 एमबी से 8 जीबी तक की होती है जिनके फ़ारमैट डीडीआर3 और जीडीडीआर5 एसडीरैम है।
मॉनिटर (monitor)
ग्राफिक्स कार्ड बहुत सारे मॉनिटर को सपोर्ट करता है हालांकि उसका जो अंक है वो जीपीयू द्वारा पता लगाया जाता है और इसके काफी आउटपुट भी होते हैं। हम एक ग्राफिक्स कार्ड से इसको चेक कर सकते हैं की वह कितने मॉनिटर को सपोर्ट करता है।
आउटपुट सपोर्ट – ग्राफिक्स कार्ड को मॉनिटर से जोड़ने के लिए बहुत सारे ऑप्शन होते हैं। काफी विडियो कार्ड्स में कम से कम दो से तीन पोर्ट होते हैं जिनमे से कुछ में चार और चार से ज्यादा भी होते हैं।
वीजीए – विडियो ग्राफिक्स एरे (video graphics array VGA in hindi)
इसमे 15 पिन होती हैं जिसमे अनेलोग कनैक्शन होता है जिसे हम डी-सब कहते हैं। यह बिलकुल नया विडियो कनैक्टर है और ये कम समर्थ भी है।
वीजीए पॉर्ट्स इसमे आराम से काम करती है पर इसके अलावा बाकी के पोर्ट बेहतर विडियो क्वालिटी देते हैं।
एचडीएमआई (HDMI in hindi)
यह पोर्ट बहुत ही चर्चित कनैक्शन है इसकी गति और वरसेटीलिटी की वजह से। एचडीएमआई विडियो और औडियो दोनों सिग्नल के साथ काम करता है। यह काफी सही तरह से काम करता है और चलता है।
ग्राफिक्स कार्ड के कार्य (functions of graphics card in hindi)
- ग्राफिक्स कार्ड डाटा को सिग्नल में बदलकर मॉनिटर को चित्रों को दिखने का निर्देश देता है ताकि हम आसानी से चित्रों और बाकी के आकारों को देख पाएँ।
- जिन भी लोगों को बड़े बड़े गेम खेलने का या फिर विडियो एडिट करने का शौक होता है, उनको डिस्क्रीट ग्राफिक्स कार्ड की बहुत जरूरत होती है। वह चित्रों को दर्शाने की क्षमता को बढ़ा देता है। इसके बिना अगर कोई गेम चल रहा है तो उसका गेम सही से नहीं चलेगा और रुक रुक के चलेगा और काफी समय अटक भी जाएगा।
- ग्राफिक्स कार्ड में जीपीयू होता है वह एक तरह से अनुवादक का काम करता है यह सीपीयू से डाटा को लेता है और उसको इमेज में बदल देता है। जितने अच्छे और बड़े गेम और ग्राफिक्स वाली चीज़ हमें चलानी होगी हमे उतना ही अच्छा और तेज़ जीपीयू चाहिए होगा जिससे वो डाटा को सिग्नल मे बदल पाए और उसको मॉनिटर पे आसानी से दिखा पाए।
- कुछ मदरबोर्डों में एक्सपैनसन स्लोट्स का विकल्प होता है जो की हमे एक से ज्यादा ग्राफिक्स कार्ड लगाने का ऑप्शन देता है वो असलाई (निविडिया) और क्रॉसफायर एक्स (ए एम डी) हैं जो की उपयोगकर्ता के सिस्टम की क्षमता बढ़ाने में काम आता है।
- ग्राफिक्स कार्ड मे मेमोरी बहुत ही जरूरी होती है क्योंकि जिससे हम बड़े बड़े गेम चला पाएँ और खेल पाएँ बड़े बड़े रेसोल्यूशन पर। यह बड़े बड़े गेम जैसे स्कायरिम आदि को खेलने में काम आते हैं क्योंकि इनमे ज्यादा ग्राफिक्स चाहिए होते हैं। कम से कम 1 जीबी मेमोरी हमे चाहिए होती है अगर हमे बड़े बड़े गेम खेलने हों तो हमें बाकी के रेसोल्यूशन से भी तालमेल बेठाना पड़ता है जिससे यह सही से चल सके।
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