राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि उनकी सरकार गुर्जरों से बात करने के लिए तैयार है। इसी के साथ ही गहलोत ने प्रदर्शनकारियों द्वारा ट्रेनों को रोके जाने और सड़कों को बाधित किए जाने की भी कड़ी निंदा की है।
गहलोत सरकार ने प्रदर्शनकारियों को यह आश्वासन दिया है कि सरकार उनकी मांगों का ख्याल रखेगी।
प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारी इस दौरान उग्र भी हो गए, जिसके चलते उन्होने धौलपुर के पास पुलिस अधिकारियों के साथ झड़प भी की।
इस दौरान पत्थरबाजी करने पर उतारू हो गए प्रदर्शनकारियों को काबू में करने के लिए पुलिस ने आँसू गैस के गोले भी छोड़े।
इस पत्थरबाजी के दौरान 5 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। घायलों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती किया गया है। हालाँकि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी मोहन लाल लाठेर ने मीडिया को यह बताया है कि हालात को देखते हुए अभी तक किसी भी प्रदर्शनकारी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
इस दौरान तीन केस दर्ज़ हुए हैं, जिन पर पुलिस ने अपनी जांच शुरू कर दी है।
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने अपने प्रदर्शन को आगे बढ़ाते हुए शुक्रवार को राष्ट्रीय राजमार्गों को भी बाधित करने का काम किया है। इसी के साथ ही आंदोलन के चलते दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग बुरी तरह से प्रभावित हुआ है।
पुलिस के उच्च अधिकारियों का कहना है कि आगे के हालातों से निपटने के लिए प्रदर्शनस्थलों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया जा रहा है।
मालूम हो कि समझौते के लिए राजस्थान सरकार के पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह और आईएएस अधिकारी नीरज पवन ने गुज्जर समिति के प्रमुख किरोरी सिंह बेंसला से मुलाक़ात की है। हालाँकि इस मुलाक़ात से कोई भी नतीजा नहीं निकला है।
रेलवे को इस प्रदर्शन के सबसे अधिक क्षति पहुंची है। इसके चलते करीब 18 ट्रेनों का संचालन रद्द करना पड़ा है।
बेंसला ने प्रदर्शन के दौरान हिंसा के लिए असामाजिक तत्वों को दोषी करार देते हुए कहा है कि कुछ लोग हिंसा फैलाने के लिए इस प्रदर्शन में घुस आए हैं।