दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने रविवार को लोगों को कांग्रेस के खिलाफ वोट देने की चेतावनी दी। केजरीवाल की ये चेतावनी उस वक़्त आई है जब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गढ़बंधन की चर्चा हो रही है।
ककरोला में एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने लोगों से भाजपा को भी वोट न देने के लिए कहा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के सातों सांसदों ने दिल्ली के विकास के लिए कुछ नहीं कहा।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि “आप कांग्रेस को बिल्कुल वोट न दें क्योंकि ये नरेंद्र मोदी के हाथ मजबूत करेगा। वोटों का बिखराव रोकने के लिए आप सातों सीटों पर आम आदमी पार्टी को वोट दें।”
उनकी टिप्पणी इस लिहाज से महत्त्वपूर्ण है क्योंकि अनुमान लगाया जा रहा है कि दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच 2019 के संसदीय चुनावों में भाजपा को रोकने के लिए चुनाव पूर्व गठबंधन संभव है। हालाँकि दोनों पार्टियों ने अब तक इस तरह की अटकलों से इनकार किया है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता गोपाल राय ने हाल ही में कहा कि पार्टी की राजनीतिक मामलों की समिति 15 जनवरी के बाद दिल्ली, पंजाब और हरियाणा के नेताओं और कार्यकर्ताओं के विचारों पर विचार करते हुए गठबंधन के बारे कोई भी ऐलान करेगी।
अजय माकन, जो आप के साथ दिल्ली में अपनी पार्टी के गठबंधन के खिलाफ थे, ने दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया, जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली की पूर्व सीएम शीला दीक्षित ने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व 2019 के लिए गठबंधन के सम्बन्ध में जो भी निर्णय लेगा, वो उसका पालन करेंगी।
केजरीवाल द्वारा कांग्रेस को वोट न देने की अपील से अब अनुमान लगाया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी अकेले भी उतर सकती है चुनाव में।
आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने अपनी हालिया बैठक में आगामी लोकसभा चुनाव में दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, गोवा और चंडीगढ़ की सभी 33 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया।