भारत के सिख श्रद्धालु गुरु नानक देव की सालगिरह के जश्न में सम्मिलित होने के लिए पाकिस्तान के सिखों के धार्मिक स्थल गुरुनानक साहिब गुरूद्वारे के दर्हन के लिए गए हैं।
भारत से 3000 सिखों का जत्था पाकिस्तान के लिए रवाना हो चुका है। ख़बरों के मुताबिक भारतीय श्रद्धालुओं का गुरूद्वारे में स्वागत सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने खालिस्तानी समर्थक प्रदर्शनकारियों के नारों के किया था।
खबरों के मुताबिक खालिस्तान समर्थक के समक्ष विवादित सचिव गोपाल दस चावला और सिखों के न्याय के लिए लड़ने वाले गुर्पत्वंत सिंह पन्नुन की तस्वीरे थी, जो भारत विरोधी ‘जनमत संग्रह 2020’ का नेतृत्व कर रहे हैं। यह अभियान भारत से पंजाब प्रांत को अलग करने का है।
खालिस्तानी समर्थकों के नारों का विरोध भारतीय सिखों ने किया और दावा किया कि पाकिस्तान में यह आयोजन सिख और मुस्लिम समुदाय की भाईचारे के प्रचार के लिए है। पैगम्बर मोहम्मद के जन्मदिवस के समारोह के जश्न के लिए नानक साहिब गुरुद्वारे में मुस्लिम समुदाय भी मौजूद था।
This is how #Khalistan supporters celebrate Gurpurab in #NankanaSahib, Pakistan. Trained puppets doing what their ISI puppeteers pay them to do: Cheering the doctrine and slogans that were chanted when the Gurus were tortured and killed. pic.twitter.com/zLFqBWTfj8
— Tarek Fatah (@TarekFatah) November 22, 2018
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान के उभरते राजनेता और सेना के अध्यक्ष जावेद कमर बाजवा करतार साहिब का दौरा कर सकता है और करतारपुर साहिब गलियारे के निर्माण का ऐलान कर सकते हैं। पाकिस्तान के नानक साहिब गुरुद्वारे में 10 हज़ार से ज्यादा सिख एकत्रित हो गए हैं। गुरु नानक देव के जन्मदिवस का समरोह प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है। साल 2019 में गुरु नानक का 550 वीं वर्षगांठ का आयोजन किया जायेगा।
मीडिया ख़बरों के मुताबिक इस दौरान पाकिस्तान करतारपुर सीमा को खोल सकता है। हाल ही में पाकिस्तान ने भारत के 3800 सिख श्रद्धालुओं को गुरुनानक साहिब गुरुद्वारे के दर्शन के लिए वीजा दिए थे। भारत ने भी नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हुई कैबिनेट बैठक में पंजाब के गुरुदासपुर से अंतर्राष्ट्रीय सीमा तक गलियारे के निर्माण का प्रस्ताव पारित किया था।
पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि करतारपुर साहिब बॉर्डर का खुलना दोनों राष्ट्रों के मध्य शांति की जीत है। उन्होंने कहा कि हम सही दिशा की ओर अग्रसर है, उम्मीद है कि ऐसे कदम सीमा के आर-पार शांति स्थापित करने में कामयाब सिद्ध होंगे।