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ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने मार्च के बाद से पहली क्वाड बैठक के लिए गुरुवार को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस में मुलाकात की। मार्च में हुई बैठक में समूह के नेताओं ने कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने में सहयोग सहित कई पहलों पर निर्णय लिया था। इस साल सितंबर के लिए एक “इन-पर्सन” क्वाड विदेश मंत्रिस्तरीय बैठक, साथ ही प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन और जापानी पीएम योशीहिदे सुगा को शामिल करने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन की संभावना पर चर्चा की जा रही है।

अमेरिकी विदेश विभाग के एक बयान में कहा गया है, “अमेरिकी अधिकारियों ने मंत्रिस्तरीय, वरिष्ठ अधिकारी और कार्य स्तरों पर नियमित परामर्श जारी रखने और इस शरद (फॉल) पर दूसरा नेताओं का शिखर सम्मेलन आयोजित करने के अवसर का स्वागत किया।”

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बैठकों की तारीख पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। राजनयिक सूत्रों ने पुष्टि की कि सभी चार नेताओं के इस साल न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भाग लेने की उम्मीद है और उस यात्रा के दौरान वाशिंगटन में मिलने के लिए चर्चा चल रही है। लेकिन उनकी यात्रा और शिखर सम्मेलन करोना वायरस की स्थितियों पर निर्भर करती हैं।

बैठक के दौरान क्वाड देश के अधिकारियों ने उभरती प्रौद्योगिकियों और जलवायु परिवर्तन के अन्य क्षेत्रों पर कार्य समूहों को लॉन्च करने के निर्णय के बारे में बात की। साथ ही पूर्वी और दक्षिण चीन सागर जैसे क्षेत्रीय मुद्दों पर “विचारों का आदान-प्रदान” किया, जहां चीनी नौसेना का क्षेत्रीय संघर्ष रहा है। अन्य देशों के साथ अधिकार, उत्तर कोरियाई कार्रवाई और म्यांमार में सैन्य शासन पर भी वार्ता हुई।

क्वाड का विशेष रूप से “चार लोकतंत्रों” के समूह के रूप में उल्लेख करते हुए, अमेरिका ने अपने बयान में कहा कि अधिकारियों ने “क्षेत्र का सामना करने वाली सामरिक चुनौतियों, दुष्प्रचार का मुकाबला करने, लोकतंत्र और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने” पर चर्चा की। चीन के परोक्ष संदर्भ में उन्होंने कहा कि, “अमेरिका हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में जबरदस्ती की कार्रवाई के खिलाफ कमजोर देशों का समर्थन करेगा।” अधिकारियों ने कोरोना वायरस के टीकों पर सहयोग करने की योजना पर भी चर्चा की।

By आदित्य सिंह

दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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