सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या करवाने के आरोपों से घिरे हुए हैं। सऊदी का राजशाही परिवार भी क्राउन प्रिंस की खिलाफत पर उतर आया है, यहाँ ताकि कि सऊदी के अगले बादशाह के चयन को लेकर भी राजघराने में सुगबुगाहट शुरू हो गयी है। सऊदी अरब ने कहा कि पत्रकार की हत्या के कारण क्राउन प्रिंस अभी रेड लाइन या लाल घेरे में हैं।
सऊदी अरब के विदेश मंत्री आदेल अल जुबिर ने कहा कि सऊदी अरब में हमारा नेतृत्व खतरे में हैं। उन्होंने कहा कि भावी बादशाह और बादशाह के नेतृत्व पर तलवार लटक रही है। उन्होंने कहा कि वे (क्राउन प्रिंस) सऊदी अरब की जनता का प्रतिनिधित्व करते हैं और सऊदी अरब का हर नागरिक बादशाह का प्रतिनिधित्व करता है। उन्होंने कहा कि सऊदी के प्रतिनिधित्व के खिलाफ कोई भी विरोध हम बर्दास्त नहीं करेंगे।
सऊदी अरण मूल का अमेरिकी पत्रकार जमाल खशोगी अमेरिका के अखबार द वांशिगटन पोस्ट में कार्यरत थे, वे मिडिल ईस्ट से सम्बन्धी लेख लिखते थे. खशोगी सऊदी अर्ब के नेतृत्व और क्राउन प्रिंस सलमान के मुखर आलोचक थे। बीते 2 अक्टूबर को तुर्की के इस्तांबुल में स्थित सऊदी अरब के दूतावास में खशोगी की हत्या कर दी थी।
सऊदी अरब ने पत्रकार की हत्या की जिम्मेदारी ली और कहा कि इस आरोप में संदिग्ध 21 लोगों को कस्टडी में लिया गया है। हाल में जारी अमेरिका के ख़ुफ़िया विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक पत्रकार की हत्या सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के इशारे पर हुई थी। विदेश मंत्री ने कहा कि पत्रकार की हत्या के बाबत प्रिंस सलमान को कोई जानकारी नहीं थी।
उन्होंने कहा कि इस हत्या के मामले में जांच जारी है, इस हत्या में शामिल सभो अपराधियों को सख्त सज़ा दी जायेगी। विदेश मंत्री ने कहा कि यह हत्या ख़ुफ़िया विभाग का एक बर्बर अभियान था। उन्होंने कहा कि अमेरिका के सऊदी अरब पर लगाये प्रतिबंध कुछ ही समय के पर्याप्त होंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सऊदी अरब के प्रिंस पर लगाये आरोपों को नज़रंदाज़ किया और कहा कि पत्रकार की हत्या से जरुरी अमेरिका और सऊदी अरब के पुराने सम्बन्ध है। साथ ही सऊदी से तेल की कीमतों में गिरावट करने का आग्रह किया था।