पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या का इल्ज़ाम सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर लगाये जा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय जगत तो क्राउन प्रिंस की आलोचनायें कर ही रहा है लेकिन अब उनके खुद के परिवारजन भी उनके खिलाफ हो गए हैं।
राजशाही परिवार के कई राजकुमार और क्राउन प्रिंस के भाई मोहम्मद बिन सलमान को सत्ता में नहीं देखता चाहते हैं। परिवार के सदस्यों ने विमर्श किया कि क्राउन प्रिंस के पिता की मौत के बाद बादशाह के भाई 76 वर्षीय प्रिंस अहमद बिन अब्दुलअज़ीज़ को नया बादशाह नियुक्त किया जाए।
प्रिंस अहमद ढाई माह पूर्व विदेश से वापस सऊदी अरब लौटे थे। सूत्रों के मुताबिक प्रिंस अहमद ने लन्दन में सऊदी नेतृत्व की आलोचना की थी। वह राजशाही परिवार के उन सदस्यों में से है, जो मोहम्मद बिन सलमान को नए बादशाह के तख़्त पर नहीं देखना चाहते हैं।
सऊदी अरब के राजशाही परिवार में सैकड़ों प्रिंस हैं। यूरोप के राजतन्त्र की तरह यहाँ बड़े पुत्र को विरासत में राजगद्दी नहीं दी जाती हैं। अगले नेतृत्व के चुनाव के लिए राजशाही परिवार के वरिष्ठ सदस्य और बादशाह के मध्य चर्चा होती है। अमरीकी सूत्रों के मुताबिक बीते कुछ हफ़्तों में सऊदी अरब के सलाहकारों ने प्रिंस अहमद का समर्थन किया है।
सूत्रों के मुताबिक व्हाइट हाउसक्राउन प्रिंस से दूरियां रखने के पक्ष में नहीं है लेकिन सऊदी अरब के दूतावास में पत्रकार की हत्या पर अमेरिकी संसद उन पर दबाव बरकरार रखेंगे। डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार को कहा था कि मोहम्मद बिन सलमान के जमाल खशोगी की हत्या के आदेश देना बचकाना हरकत थी लेकिन यह संभव है, मंगलवार तक अमेरिकी ख़ुफ़िया विभाग की रिपोर्ट आ जाएगी।
अमेरिका इखाब्रों के मुताबिक पत्रकार की बर्बरता से हत्या के आदेश क्राउन प्रिंस ने ही दिए थे। हालाँकि सऊदी अरब ने कहा कि मोहम्मद सलमान को इस हत्या के बाबत कोई जानकारी नहीं थी। डोनाल्ड ट्रम्प के दामाद जारेड कुशनर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के निकती है और सलमान को यकीन हैं कि अमेरिका उन्हें हर हाल में सहायता करेगा।
क्राउन प्रिंस बनने के बाद बिन सलमान ने सऊदी अरब में कई बेहतरीन कार्य संपन्न किये हैं। उन्होंने महिलाओं की ड्राइविंग पर लगे प्रतिबंधों को हत्या और महिलाओं को मैदान पर मैच देखने की अनुमति दी। साथ ही उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को तेल निर्यात से हटाकर अन्य विकल्प भी तलाशे हैं।