Fri. May 3rd, 2024

एक अध्ययन के प्रारंभिक परिणामों से पता चला है कि कोविशील्ड वैक्सीन कोरोना वायरस के डबल म्यूटेंट वैरिएंट (बी.1.617) से भी सुरक्षा प्रदान करती है। सेंटर फार सेल्युलर एंड मोलिक्यूलर बायोलाजी (सीसीएमबी) के निदेशक राकेश मिश्रा ने गुरुवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह अध्ययन वैज्ञानिक एंव औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर) के संस्थान सीसीएमबी ने ही किया है। बता दें कि कोविशील्ड आक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन है जिसका उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (एसआइआइ) कर रहा है।

दूसरी लहर के पीछे ‘डबल म्यूटैंट’

देश में कोरोना की दूसरी एवं प्रचंड लहर के पीछे इस ‘डबल म्यूटैंट’ को जिम्मेदार बताया जा रहा है। रिपोर्टों में कहा गया है कि महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में इस ‘डबल म्यूटैंट’ के चलते ही कोरोना संक्रमण के मामलों में जबर्दस्त उछाल आया है। वैज्ञानिकों ने कुछ दिनों पहले आशंका जताई कि यह ‘डबल म्यूटैंट’ अथवा बी.1.617 शरीर की प्रतिरोधक क्षमता से बच निकलने में कामयाब हो सकता है और अगर ऐसा हुआ तो कोरोना के इस नए प्रकार से दोनों वैक्सीन शायद सुरक्षा नहीं दे पाएं।

सीसीबीएम के निदेशक ने कहा-यह उत्साहजनक

हालांकि, आईसीएमआर की ओर से किए गए अध्ययन में यह पाया गया कि कोवाक्सिन कोरोना के नए वैरिएंट से सुरक्षा प्रदान करता है। सीसीबीएम के निदेशक राकेश कुमार मिश्रा ने कहा, ‘कोविशील्ड बी.1.617 के खिलाफ सुरक्षा प्रदान करता है।’ मिश्रा ने अपने ट्वीट में कहा कि यह बहुत ही शुरुआती लेकिन बहुत ही उत्साहवर्धक परिणाम है।

महाराष्ट्र में ज्यादा मिला ‘डबल म्यूटैंट’

स्वास्थ्य विशेषज्ञों कहना है कि ‘डबल म्यूटैंट’ एक गलत नाम है क्योंकि कोरोना का यह विशेष प्रकार दो नहीं बल्कि कम से कम 15 प्रकार अपने में रखता है। यह महाराष्ट्र के करीब 60 से 70 प्रतिशत मामलों में पाया गया है। जबकि तेलंगाना एवं आंध्र प्रदेश के कोरोना मामलों में यह पांच प्रतिशत से भी कम है। आईसीएमआर ने अपने एक ट्वीट में कहा कि देश में निर्मित कोविड-19 का टीका ‘कोवैक्सीन’,सार्स-सीओवी-2 के कई प्रकारों को निष्प्रभावी करता है और दो बार अपना उत्परिवर्तन कर चुके वायरस के प्रकार के खिलाफ भी प्रभावी है।

आईसीएमआर ने भी वैक्सीन को बताया था नए म्यूटेंट पर असरदार

बता दें कि कोरोना वायरस के “डबल म्यूटेंट” को महाराष्ट्र और देश के अन्य राज्यों में लगातार बढ़ रहे मामलों के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है। नए म्यूटेंट की वजह से ही ये वायरस पहले से और भी घातक हो गया है। वैज्ञानिकों ने पहले ही आशंका जताई थी कि यह डबल म्यूटेंट या फिर बी.1.617 इम्यून सिस्टम को बुरी तरह से प्रभावित करेगा। हाल ही में आईसीएमआर ने भी ये कंफर्म किया था कि हमारी वैक्सीन नए म्यूटेंट से भी सुरक्षा प्रदान करेगी।

By आदित्य सिंह

दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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