तेलंगाना विधानसभा चुनाव में में दो तिहाई बहुमत के साथ जीत दर्ज कर ऐतिहासिक वापसी करने वाले तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) अब राष्ट्रीय राजनीति की तरफ कदम बढ़ाएंगे। उन्होंने आज एक नयी राष्ट्रीय पार्टी बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि क्षेत्रियों दलों को एक साथ करके एक नई पार्टी बनायेंगे जो एक गैर भाजपा और गैर कांग्रेसी मोर्चा होगा।
उन्होंने कहा “अगले 10 दिनों में मैं दिल्ली जाऊँगा और एक नई राष्ट्रीय पार्टी की घोषणा करूँगा। मैंने कई अन्य नेताओं से बात कर रहा हूँ, उनमे से कुछ मेरे आवास पर आये थे मैंने उनसे भविष्य के बारे में चर्चा की।”
ये पूछने पर कि अगर वो राष्ट्रीय राजनीति में कदम बढ़ाएंगे तो मुख्यमंत्री कौन बनेगा तो उन्होंने कहा “मैंने अभी इसके बारे में नहीं सोचा है।” उन्होंने कहा कि तेलंगाना ने रास्ता दिखाया है और अब इस रास्ते पर चलने की बारी है जिससे कृषि और अर्थ्वाव्यस्था मजबूत हो सके। हालाँकि केसीआर ने पार्टी का नाम और भविष्य की अन्य योजनाओं के बारे में कुछ भी विस्तार से बताने से मना कर दिया।
केसीआर की घोषणा ऐसे वक़्त में आई है जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू देश में भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने की कोशिशों में लगे हुए हैं। राष्ट्रीय राजनीति में अपना कद बढाने और आंध्र प्रदेश के बाहर अपने पैर फैलाने के उद्धेश्य से ही नायडू ने कांग्रेस के साथ अपने सारे मतभेद भुला कर तेलंगाना में गठबंधन किया था लेकिन तेलंगाना की जनता ने उनके गठबंधन को नकार दिया। राज्य के 119 सीटों में से कांग्रेस -टीडीपी गठबंधन सिर्फ 21 सीटें ही हासिल कर सकी जबकि उनके साथ इस महागठबंधन में सीपीआई और तेलंगाना जन समिति भी शामिल थी।
तेलंगाना में केसीआर की जबरदस्त जीत से उनका कद राष्ट्रीय राजनीति में बढेगा और सत्ता में वापसी करने वाले क्षेत्रीय क्षत्रप ममता बनर्जी और नवीन पटनायक के समकक्ष जा कर खड़े हो जायेंगे। ऐसा पहली बार नहीं है कि विधानसभा में जीत के बाद क्षेत्रीय नेताओं ने राष्ट्रीय राजनीति में कदम बढाया हो। लेकिन अभी तक ये कोशिश परवान नहीं चढ़ सकी है।