जबसे सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में मासिक धर्म की महिलाओं के प्रवेश की इजाज़त दी है, तबसे मंदिर में करीबन 51 महिलाओं ने प्रवेश कर लिया है। ये जानकारी केरल सरकार ने दी जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पास एक रिपोर्ट जमा कराई है। जानकारी उन लोगों के डिजिटाइज्ड रिकॉर्ड पर आधारित है, जिन्होंने इस सीजन में सबरीमाला में प्रवेश किया है।
केरल सरकार के वकील ने ये रिपोर्ट उस याचिका के जवाब में जमा कराई है जिसे बिंदु और कनक दुर्गा ने दायर कराई थी। मंदिर में प्रवेश करके एतिहासिक कदम उठाने वाली महिलाओं ने टॉप कोर्ट से अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई थी। सूची के अनुसार, सभी 51 महिलाएं अपने चालीसवें वर्ष में हैं। केरल सरकार के वकील जी प्रकाश ने कहा-“10 से 50 वर्ष की आयु की 7,000 से अधिक महिलाओं ने इस सीजन में सबरीमाला में प्रवेश करने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण किया था। उनमें से, 51 महिलाएं पहले ही बिना किसी मुद्दे के मंदिर में प्रवेश कर चुकी हैं, और सानिधनम से लौटने के बाद उन्होंने अपने टिकटों को स्कैन करा चुकी हैं।”
केरल सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, 16 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने सबरीमाला जाने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कराया था, केरल पुलिस द्वारा प्रबंधित डिजिटल कतार प्रबंधन प्रणाली के माध्यम से। उनमे से, 8.2 लाख श्रद्धालु मंदिर जा चुके हैं। 10 से 50 वर्ष की आयु की 7564 महिलाओं ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया था, और अभी तक 51 महिलाएं जा चुकी हैं।
सरकार ने कोर्ट में बताया-“इसमें वे लोग शामिल नहीं है जो सामान्य तीर्थयात्री की तरह आये थे और ऑनलाइन सुविधा का लाभ नहीं उठा पाए। अभी तक 16.11.2018 से 44 लाख तीर्थयात्री मंदिर जा चुके हैं।”
दिलचस्प बात ये है कि सरकार द्वारा जारी की गयी सूची में बिंदु का नाम नहीं है जिससे ये पता चलता है कि 50 वर्ष से कम उम्र वाली महिला जिन्होंने मंदिर में प्रवेश किया था, उनकी संख्या अलग हो सकती है।
मंदिर में प्रवेश करने के बाद, इन दोनों महिलाओं को जान से मारने की धमकी मिल रही थी इसलिए दोनों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया और कोर्ट ने दोनों को 24×7 पुलिस सुरक्षा की अनुमति दे दी।
सरकार के ये सूची जारी करने के बाद, मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई जो इस याचिका की सुनवाई कर रहे हैं, उन्होंने कहा कि कोर्ट के लिए ये मायने नहीं रखता कि 50 महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश किया है कि 500 महिलाओं ने।
गोपनीयता के पूर्ण उल्लंघन में, हालांकि, कई मीडिया चैनलों द्वारा सूची को फ्लैश किया जा रहा है, जिसमें इन महिलाओं के फोन नंबर और आधार नंबर शामिल हैं। त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष प्रवर गोपालकृष्णन ने मीडिया से कहा कि वे सरकार द्वारा दी गई इस सूची पर विश्वास नहीं करेंगे और केरल सरकार से और अधिक प्रमाण पेश करने के लिए कहेंगे। इसके अलावा, सूची में नाम रखने वाली कुछ महिलाएं पहले ही यह कहकर आगे आ चुकी हैं कि वे 50 वर्ष से अधिक उम्र की थीं और ऑनलाइन पंजीकरण करते समय उनकी उम्र गलत तरीके से दर्ज की जा सकती थी। उन्होंने सरकार के संस्करण पर सवाल उठाया है।