“सबरीमाला मंदिर” कई दिनों से विवाद में खड़ा हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी 10-50 साल की महिलाओ को मंदिर में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी गयी है। मगर केरल सरकार के एक कानून अफसर ने कहा है कि सरकार महिला यात्रियों के लिए दो दिन रखना चाहती है ताकि महिलाये भी “सबरीमाला मंदिर” में पूजा कर सकें। उनका ये बयान इस मुद्दे में एक नयी करवट ला सकता है।
उनका ये सुझाव तब आया जब 4 महिला श्रद्धालुओं ने केरल हाई कोर्ट में मंदिर में प्रवेश को लेकर एक याचिका दायर की। उन्होंने ये कहा भी कि सरकार इन महिला श्रद्धालुओं के साथ है।
याचिका के मुताबिक, महिला श्रद्धालुओं ने कहा था भगवान अय्यप्पा की पूजा के लिए हफ्ते में कम से कम उन्हें 3 दिन चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के दिए आर्डर के बाद भी 10-50 साल की महिलाओ को मंदिर में जाने की इजाजत नहीं मिली। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि सारे रीति-रिवाज़ पूरे करने के बाद भी, कुछ विरोधियों ने उनके होम टाउन एर्नाकुलम में उन्हें सबरीमाला मंदिर जाने से रोक दिया।
उन्होंने कहा कि ” जो महिला ‘सबरीमाला’ जाना चाहती है उसकी ज़िन्दगी को खतरा है।”
इसका जवाब देते हुए कोर्ट ने कहा-“हम तुम्हे किसी मुसीबत में नहीं डाल सकते। तुम लोगो की सुरक्षा उतनी ही जरूरी है जैसे तुम लोगो के मौलिक अधिकार।” कोर्ट ने राज्य सरकार से ये भी कहा कि वे उन तरीको को निकाले जिससे महिलाओ को सबरीमाला में प्रवेश मिल सके।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केरल के “सबरीमाला मंदिर” में 10-50 की उम्र की महिलाओ से लिए प्रवेश बंद था। उनके मासिक धर्म के कारण ऐसा किया गया था मगर महिलाओ के विरोध करने के बाद, 28 सितम्बर को सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला दिया।
इस फैसले में उन्होंने कहा कि हर उम्र की महिला उस मंदिर में पूजा कर सकती है। मगर कुछ लोगो के कड़े विरोध के कारण अभी तक 10-50 की उम्र की महिलाओ को मंदिर में जाने नहीं दिया गया है।