इंसान कितनी भी तरक्की कर ले परन्तु क़ुदरत जब अपने भयावह रूप में आती है तब उसकी एक नहीं चलती। क़ुदरत से छेड़छाड़ इंसान को हमेशा महंगी पड़ी है। अभी हाल ही में केरल में आई बाढ़ इसी का उदाहरण है। अभी हाल ही में केरल में भारी बारिश के चलते 164 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। क़ुदरत इंसानी जाती पर अपना पूरा क़हर बरपा रही है। भारी बारिश के चलते केरल में जन जीवन काफी अस्त व्यस्त हो गया। बाढ़ की मार झेल रहे कई परिवार राहत शिविरों में तो कई अभी भी बाढ़ ग्रस्त इलाकों में फसे हुए है। सरकार ने NDRF की टीम नाव और हेलिकॉप्टर के जरिए बचाव कार्य को बनाये रखा है। परन्तु इसके बावजूद भारी बारिश की वजह से 164 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और यह आंकड़ा वक्त के साथ बढ़ सकता है।
केंद्र सरकार ने केरल के लिए कई तरीके से मदद का आश्वासन दिया है। केंद्र ने बाढ़ प्रभावित केरल के लिए 600 करोड़ रुपये जारी करे है। इसके साथ साथ सरकार ने बाढ़ग्रस्त पीड़ितों के लिए बुनियादी सामान मुहैया करने के लिए भी कहा है। इसके अलावा केंद्र सरकार ने राज्य के लिए आयातित राहत सामग्री पर सीमा शुल्क और माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की छूट देने का भी फैसला किया है यानी अब लोगो को जो सामान मुहैया कराया जायेगा उस पर किसी भी तरीके से कर नहीं लगेगा। इसके अलावा राज्य सरकार के आग्रह के बाद खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने केरल को 89,540 टन चावल का अतिरिक्त आवंटन किया है। सरकार की इस पहल से बाढ़ग्रस्त पीड़ितों की मदद करी जा रही है।
बहरहाल, मौसम विभाग ने भविष्यवाणी करी है की थोड़े दिन अब शायद केरल में बारिश ना हो परन्तु अब राज्य के सामने एक नई मुसीबत आ खड़ी हुई है। राज्य में अब महामारी फैलने के आसार लग रहे है। कई जगह जलभराव के कारण हैजा मलेरिया एवं डेंगू जैसी भयावह बीमारियां फैलने का खतरा बन गया है। इनसे निपटने के लिए राज्य एवं केंद्र सरकार राज्य में पुख़्ता इंतजाम कर रही है।