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    आम आदमी पार्टी ने सोमवार को भाजपा पर आरोप लगाया है कि दिल्ली में भाजपा ने 30 लाख लोगों के नाम वोटरलिस्ट से हटा दिए हैं। पार्टी ने ये भी कहा कि भाजपा 2019 में दिल्ली की सातों सीट हारने जा रही है।

    पार्टी की सीनियर नेता आतिशी ने मीडिया को बताया कि ‘वोटर लिस्ट से मिटाए गए नामों का विश्लेषण करने पर ये पता चला कि 30 लाख लोगो में से ज्यादातर 3 समुदाय के लोग है – बनिया, मुस्लिम और पूर्वांचली।”

    उन्होंने कहा कि साफ़ पता चलता है कि भाजपा को पता चल गया है कि वो 2019 के लोकसभा चुनाव में सातों सीट गंवाने वाली है इसलिए उसने साजिश के तहत 30 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए।

    पूर्वी दिल्ली मे आम आदमी पार्टी की इंचार्ज आतिशी ने कहा कि जीएसटी और नोटबंदी के बाद से व्यापारी वर्ग भाजपा से नाराज था और पूर्वांचली लोगों को प्रताड़ित किया गया, सड़कों पर पीटा गया इसलिए वो भाजपा से नाराज थे। इसलिए सबसे ज्यादा इन समुदायों के वोटरों के नाम लिस्ट से हटाये गए।

    आतिशी ने दावा किया कि अकेले पूर्वी दिल्ली के 3,75,000 लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाये गए हैं। आतिशी ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा के आदेश पर काम कर रहा है। चुनाव आयोग ने अपनी बेवसाईट पर अधूरी लिस्ट डाली थी, जिसमे हटाये गए वोटरों के नाम भी थे लेकिन अब उसे वेबसाईट से हटा लिया गया है।

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    आतिशी ने ये भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग की वेबसाईट पर वोटर लिस्ट में नाम दुबारा से जुडवाने का कोई भी आवेदन पिछले तीन दिनों से स्वीकार नहीं किया जा रहा है।

    प्रत्येक समुदाय से डिलीट किये गए वोटरों के बारे में और डिटेल देते हुए आतिशी ने बताया कि साउथ दिल्ली के जंगपुरा में 27,443 वोटरों के नाम लिस्ट से हटाये गए हैं जिनमे 5,300 बनिया, 8,500 पूर्वांचली और 4,900 मुसलमान हैं।

    आतिशी के अनुसार ओखला में 46,000 लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाये गए हैं जिनमे से 30,000 मुस्लिम और 11,000 पूर्वांचली और 5,700 बनिया है। पूर्वी दिल्ली के कोंडली में सबसे ज्यादा 61,000 लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाये गए हैं और उनमे से ज्यादातर पूर्वांचली है।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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