पाकिस्तान की सलाखों में कैद कुलभूषण जाधव के केस की सुनवाई आज यानी सोमवार को अंतर्राष्ट्रीय आपराधिक अदालत में द हॉग में की जाएगी। जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान सैन्य अदालत की तरफ से दिए फांसी के आदेश को वापस लेने की बात भारत आईसीजे के समक्ष रखेगा।
भारत के कष्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद दोनों देशों के मध्य गतिरोध काफी बढ़ गया है और कुलभूषण जाधव केस से दोनों राष्ट्रों के मध्य तनाव को हवा मिलेगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने इस केस के बाबत कोई टिपण्णी करने से इंकार कर दिया लेकिन संकेत दिए कि भारतीय खेमा कानूनी जंग के लिए तैयार है।
कानूनी लड़ाई को तैयार भारत
उन्होंने कहा कि “अंतर्राष्ट्रीय न्यायिक अदालत में कुलभूषण जाधव के केस की मौखिक सुनवाई 18 फरवरी से शुरू होगी। भारत इस मामले को अदालत के समक्ष प्रस्तुत करेगा। यह न्यायिक तंत्र का मामला है, और मुझे यह इजाजत नहीं है कि मैं अपनी या देश की राय सार्वजानिक स्तर पर साझा करूँ। हमें जो करना है, हम अदालत में करेंगे।”
एमएफएन का दर्जा छीना
पुलवामा में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी समर्थित आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी। इसकी प्रतिक्रिया में भारत ने पाक से ‘मोस्ट फेवर्ड नेशन’ यानी ‘कस्टम ड्यूटी में तरजीह देने वाले देश’, का तमगा छीन लिया है। भारत ने पाकिस्तान को साल 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया था। साथ ही भारत ने पाकिस्तान को अलग-थलग करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इसके तहत भारत ने 25 देशों के राजनयिकों से मुलाकात की और पी-5 देशों के समक्ष पाकिस्तान की असलियत भी रखी थी।
पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने आतंकवाद और जासूसी के आरोप में अप्रैल 2017 में कुलभूषण जाधव को मौत की सज़ा सुनाई थी। पाकिस्तान की दावे के अनुसार कुलभूषण जाधव को मार्च 2016 में बलूचिस्तान प्रान्त से गिरफ्तार किया गया था। भारत के मुताबिक जाधव को ईरान से अगवा किया गया था, जहां वह नौसेना से रिटायर होने के बाद कारोबार के लिए गए थे और उनका सरकार को कोई लेना देना नहीं है।
पाक नौसैन्य विमान को भारत ने मार गिराया
आईसीजे की चार दिवसीय सुनवाई की शुरुआत सोमवार से शुरू होगी, जिसमे भारत का प्रतिनिधित्व हरीश साल्वे करेंगे। भारत और पाकिस्तान के बीच का ऐसा ही एक मामला साल 1999 में यूएन अदालत में गया था, जब भारतीय सैनिकों ने एक पाक नौसैन्य जहाज को मार गिराया था। इसमें सवार 16 सदस्यों की मौत हो गयी थी।
पाकिस्तान के दावा किया कि नेवी विमान अपने दायरे में थे। वही भारत ने दावा किया कि अंतर्राष्ट्रीय प्रोटोकोल के तहत पायलट जवाब नहीं दे रहा था और भयावह तरीके से व्यवहार कर रहा था।