अक्सर हम सुबह उठते हैं तो कान का दर्द महसूस करते हैं। इस दर्द के कारण कई हो सकते हैं लेकिन इसके उपचार ढूँढने में अधिक परेशान रहते हैं। कान का हल्का सा दर्द ही हमें अत्यधिक परेशान कर देता है।
इसके कारण कई हो सकते हैं लेकिन आज हम आपको यहाँ इसके घरेलू उपचारों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनको अपनाकर आप अपने दर्द से निजात पा सकते हैं।
1. लैवेंडर ओइल
लैवेंडर ओइल आपकी नसों के लिए बहुत ही उपयोगी होता है और आपके कान के दर्द को ठीक करने की क्षमता रखता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होने के कारण ये संक्रमण भी दूर कर देता है।
सामग्री:
- लैवेंडर ओइल
- रुई
कैसे इस्तेमाल करें?
- एक रुई के टुकड़े में 2-3 बूँद लैवेंडर ओइल डाल लें और अपने कान में रख लें।
- इसके अलावा आवश्यक तेल की एक बूँद अपने कान में डालकर एक मिनट के लिए मालिश करें।
इसे दिन में दो बार करें।
2. अरंडी का तेल
अरंडी का तेल उपचार की प्रक्रिया तेज़ कर देता है और आपको दर्द से राहत दिलाता है। इसमें एंटीफंगल गुण होते हैं।
सामग्री:
- अरंडी का तेल
- ड्रॉपर
- रुई
कैसे इस्तेमाल करें?
- अरंडी के तेल को थोडा गर्म कर लें और कुछ बूँदें अपने कान में डाल लें।
- रुई से कान को बंद कर लें और कुछ मिनट के लिए तेल को डला रहने दें।
- इसके बाद रुई हटायें और अतिरिक्त कूड़ा और तेल साफ़ कर दें।
इस प्रक्रिया को दर्द सही होने तक दिन में दो बार इस्तेमाल करें।
3. हाइड्रोजन पेरोक्साइड
हाइड्रोजन पेरोक्साइड में क्लींजिंग के गुण होते हैं जिसके कारण यह कान में मौजूद बाहरी तत्वों को बाहर निकाल देता है। कान साफ़ होने पर दर्द स्वयं चला जाता है।
सामग्री:
- 3% हाइड्रोजन पेरोक्साइड
- ड्रॉपर
- कान के प्लग
- कान के स्वैब
कैसे इस्तेमाल करें?
- ड्रॉपर की मदद से हाइड्रोजन पेरोक्साइड की कुछ बूँदें कान में डाल लें और कान के प्लग की सहायता से कान को कुछ देर के लिए बंद कर लें।
- प्लग हटा दें और कान साफ़ करने के लिए स्वैब का इस्तेमाल करें।
इसे आवश्यकता अनुसार कुछ घंटों बाद दोहराएं।
4. टी ट्री ओइल
टी ट्री ओइल एक प्रसिद्ध एंटीसेप्टिक एजेंट होता है। इसे जैतून का तेल के साथ इस्तेमाल करने से ये आपके कान का दर्द ठीक कर देता है और सभी संक्रमण पैदा करने वाले कीटाणुओं को निकाल देता है।
सामग्री:
- टी ट्री ओइल की कुछ बूँदें
- 1/4 कप जैतून का तेल
- रुई
कैसे इस्तेमाल करें?
- टी ट्री ओइल में जैतून का तेल मिला लें और इसको अपने कान में डालें।
- सिर को थोडा झुका लें ताकि प्रभावित कान छत की ओर रहे।
- सीधे हो जाएँ और कान से निकलने वाले तेल को साफ कर लें।
दर्द ठीक होने की गति के अनुसार इसे दिन में 1-2 बार कान में डालें।
ध्यान रखें
बिना जैतून के तेल के इस्तेमाल नहीं करें।
5. ऑरेगैनो ओइल
इसमें एंटीबैक्टीरियल, एनलजेसिक और एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
सामग्री:
- 1 भाग ऑरेगैनो ओइल
- 1 भाग जैतून का तेल
कैसे इस्तेमाल करें?
- दोनों तेलों को मिला लें और अपने कान में 1-2 बूँदें डाल लें।
- कान की थोड़ी मालिश करें ताकि तेल अन्दर चला जाये।
कुछ घंटों बाद दोबारा लगते रहे।
ध्यान रखें
बिना जैतून के तेल के इस्तेमाल नहीं करें।
6. पुदीने का तेल
पुदीने का तेल कान के बढ़ते दर्द को कम करने में सहायता करता है। ये किसी प्रकार की जलन और दर्द को भी खत्म कर देता है।
सामग्री:
- मुट्ठीभर पुदीने की पत्तियां
- 1/2 कप जैतून का तेल
कैसे इस्तेमाल करें?
- पुदीने की पत्तियों को पीस लें और जैतून के तेल को गर्म कर लें।
- पुदीने की पीसी हुई पत्तियों को जैतून के तेल में कुछ मिनट के लिए डाल कर रख दें।
- इस मिश्रण की 2 बूँदें अपने कान में डाल लें।
इसे दिन में दो बार दोहराएँ।
7. जैतून का तेल
जैतून का तेल अपने हर्बल गुणों के कारण काफी इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा इसमें कान चिकनाई देने और संक्रमण दूर करने के गुण भी होते हैं। इससे सूजन भी कम हो जाती है।
सामग्री:
- शुद्ध जैतून का तेल
- रुई
कैसे इस्तेमाल करें?
- जैतून के तेल को गर्म कर लें। अपने सिर को झुका लें कि प्रभावित कान छत की ओर रहे। गर्म तेल की 2-3 बूँदें कान में डाल लें।
- इस अवस्था में 5 मिनट तक रहे और अपना सिर सीधा रखें।
- अतिरिक्त तेल और गन्दगी रुई से साफ़ कर दें।
इसे दिन में 2 बार प्रयोग करें।
8. सेब का सिरका
सेब के सिरके में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो कान का संक्रमण दूर करने में उपयोगी होते हैं। ये कान का दर्द भी ठीक कर देता है।
सामग्री:
सेब का सिरका
- ड्रॉपर
कैसे इस्तेमाल करें?
- ड्रॉपर की सहायता से सेब के सिरके की कुछ बूँदें कान में डाल लें। इसे सूखने दें।
इसे 12 घंटे बाद दोहराएं।
9. अदरक
अदरक में मौजूद जिनजेरोल में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो आपके दर्द का निवारण करते हैं।
सामग्री:
- 1 चम्मच किसा हुआ अदरक
- 2 बड़े चम्मच जैतून का तेल
- ड्रॉपर
कैसे इस्तेमाल करें?
- अदरक को कस लें और इसे जैतून के तेल में डाल लें। इसे 10 मिनट के लिए तेल में डला रहने दें।
- ड्रॉपर से इसकी 2 बूँदें कान में डाल लें।
इसे दिन में 2 बार दोहराएं।
10. मिनरल ओइल
कान में अतिरिक्त पानी होने से दर्द और जलन हो सकती है। पानी कान में जाने से पहले यदि कान में तेल डाल दिया जाये तो इससे वह कान के अन्दर नहीं जाता है।
सामग्री:
- मिनरल ओइल
कैसे इस्तेमाल करें?
- स्विमिंग पूल में जाने से पहले इस तेल की 2 बूँदें अपने दोनों कानों में डाल लें।
आवश्यकता अनुसार इसका प्रयोग करें।
11. नारियल का तेल
नारियल के तेल में लोरिक एसिड मौजूद होती है जिसमें एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं। इनके कारण यह असरदार घरेलू उपाय होता है।
सामग्री:
- शुद्ध नारियल का तेल
- ड्रॉपर
- रुई
कैसे इस्तेमाल करें?
- प्रभावित कान में नारियल के तेल की कुछ बूँदें डाल लें और कान में रुई लगा लें।
- मुँह को चलाये ताकि तेल अन्दर पहुँच जाये।
- 10-15 मिनट बाद अतिरिक्त तेल और रुई हटा दें।
इसे दिन में दो बार दोहरा सकते हैं।
12. कोलाइडयन चांदी
कोलाइडयन चांदी एक व्यापक श्रेणी एंटीबायोटिक है जो प्रभावी ढंग से ऐसे बैक्टीरिया, कवक और अन्य रोगजनकों को मारता है जो कान के संक्रमण और कर्कश दर्द के कारण हो सकते हैं।
सामग्री:
- कोलाइडयन चांदी
- ड्रॉपर
कैसे इस्तेमाल करें?
- ड्रॉपर की मदद से कोलाइडयन चांदी के 2-3 बूँद अपने कान में डाल लें।
इसे दिन में 1-2 बार दोहराएं।
13. स्तन दूध
स्तन दूध एंटीऑक्सिडेंट्स से भरा हुआ होता है, जो कि कान के दर्द को ठीक करता है। यह आमतौर पर कान का एक संक्रमण होता है। यह दूध दर्द से राहत देता है और सूजन को कम करता है।
सामग्री:
- ताज़ा स्तन दूध
- ड्रॉपर
कैसे इस्तेमाल करें?
- प्रभावित कान में स्तन दूध की कुछ बूँदें डाल लें।
- इसे 5-7 मिनट तक रहने दें फिर अतिरिक्त हटा दें।
इसे दिन में 2-3 बार दोहराएं।
Nice tips!!
Tej awaaz sunne se mere kaan me dard hota h m Kya karu?
kyaa upar diye gaye tareekon se puraana kaan ka dard bhii theek ho saktaa hai? mere do saalon se kaaan mein halkaa dard hai.