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    अरविन्द केजरीवाल

    2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन की अफवाहों पर कटाक्ष करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा है कि हिंदी हार्टलैंड के तीन राज्यों में कांग्रेस की जीत नहीं हुई है बल्कि भाजपा की हार हुई है।

    उन्होंने कहा “कांग्रेस ने तीन राज्यों (राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश) में जीत हासिल नहीं की बल्कि भाजपा की हार हुई। लोगों ने कांग्रेस को जिताने के लिए वोट नहीं किया बल्कि उन्होंने भाजपा को हारने के लिए वोट किया।”

    केजरीवाल आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय परिषद् की बैठक में बोल रहे थे। केजरीवाल के बयान से कांग्रेस नाखुश हो सकती है जो तीन राज्यों में जीत के बाद से राहुल गाँधी के नेतृत्व में मिली जीत बता रही थी और उन्हें प्रधानमंत्री का उम्मीदवार घोषित कर रही थी।

    दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित केजरीवाल की बात से इत्तफाक नहीं रखती। उन्होंने कहा “ये राजनितिक नजरिया हो सकता है, वोटर का नहीं क्योंकि केजरीवाल वोटर नहीं हैं।” उन्होंने कहा “लोगों ने निर्णय लिया है,, मतदाताओं ने निर्णय लिया है।”

    उन्होंने कहा, “लोगों ने एक निर्णय लिया है, मतदाताओं ने एक निर्णय लिया है। पसंद की सरकार मतदाता का विशेषाधिकार है।” उन्होंने कहा: “हम भी उनके चुनाव के बारे में ऐसा ही कह सकते हैं।”

    दोनों पार्टियों के बीच बस गठबंधन की अफवाह उडती रही है हालाँकि कभी भी दोनों पार्टियों ने इस पर आधिकारिक बयां नहीं दिया है और ना ही खंडन किया है।

    गठबंधन के बारे में पूछे जाने पर, केजरीवाल ने कई मौकों पर कहा, “समय आने पर हम आपको बताएंगे कि क्या होगा?” जबकि उनकी पूर्ववर्ती दीक्षित ने कहा कि “हम इस मुद्दे पर पार्टी आलाकमान के फैसले का सम्मान करेंगे और स्वीकार करेंगे”।

    केजरीवाल की टिप्पणी पंजाब के AAP सांसद भगवंत मान के एक दिन बाद आई है, जिन्होंने कहा था: “हम पंजाब में विपक्ष में हैं, अगर हम कांग्रेस के साथ गठबंधन करेंगे, तो हम लोगों का सामना कैसे करेंगे। कांग्रेस के साथ गठबंधन की कोई चर्चा नहीं है। हम प्रत्येक लोकसभा सीट पर लड़ेंगे जहां हमें लगता है कि हम भाजपा को हरा सकते हैं।”

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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