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    सिद्धरमैया

    कांग्रेस की अगुवाई वाली कर्नाटक सरकार ने राज्य के लिए देश से अलग एक झंडे की मांग की है। ऐसा करने वाला कर्नाटक जम्मू और कश्मीर के बाद दूसरा राज्य बन जाएगा। इससे पहले राज्य ने 2012 में भी इसी तरह की मांग की थी। सरकार ने इस मांग को पूरा करने के लिए नौ सदस्यों की एक कमेटी का गठन किया है।

    आपको बता दें कि देश में सिर्फ जम्मू कश्मीर ही ऐसा राज्य है जिसका अपना एक अलग झंडा है। यह धारा 370 के तहत राज्य को ऐसा अधिकार मिला था। अब सिद्धरमैया की सरकार की भी यही कोशिश है कि वे धवज के बहाने कन्नड़ अस्मिता को बढ़ावा दें। हालाँकि मोदी सरकार ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि ऐसा करना देश की एकता और अखंडता के खिलाफ है।

    इससे पहले भी जब 2012 में कांग्रेस ने अलग झंडे की मांग की थी तब भाजपा के नेताओं ने इसका कड़ा विरोध किया था और कहा था कि फ्लैग कोड के मुताबिक किसी भी राज्य को अपना अलग झंडा रखने का अधिकार नहीं है। ऐसा करने से देश के झंडे का महत्व काम होता है और लोगों में प्रांतवाद की भावना को बढ़ावा मिलता है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।