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    कर्नाटक: कुमारस्वामी सरकार को बड़ा झटका, दो निर्दलीय विधायकों ने समर्थन वापस लिया

    कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को एक बड़ा झटका, दो निर्दलीय विधायकों ने मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली राज्य सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। वे दो निर्दलीय विधायक एच नागेश और आर शंकर हैं।दोनों विधायकों ने कर्नाटक के राज्यपाल को खत लिखते हुए तत्काल प्रभाव से समर्थन वापसी के अपने फैसले की जानकारी दी है।

    निर्दलीय विधायक आर शंकर ने कहा-“आज मकर संक्रांति है और इस दिन हम सरकार में बदलाव चाहते हैं। सरकार को कुशल होना चाहिए, इसलिए मैं आज (कर्नाटक सरकार को) अपना समर्थन वापस ले रहा हूँ।”

    एच नागेश ने कहा-“गठबंधन सरकार को मेरा समर्थन एक अच्छी और स्थिर सरकार प्रदान करना था, जो पूरी तरह से विफल रही। गठबंधन के सहयोगियों के बीच कोई समझ नहीं है। इसलिए, मैंने स्थिर सरकार स्थापित करने के लिए भाजपा के साथ जाने का फैसला किया है और देखना है कि सरकार गठबंधन से बेहतर प्रदर्शन करती है या नहीं।”

    मीडिया से बात करते हुए, कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री जी परमेस्वर ने हालांकि गठबंधन को स्थिर बताया। उन्होंने कहा-“हम कह रहे हैं कि भाजपा हमारे विधायकों को धन और शक्ति के माध्यम से लुभा रही है, लेकिन सरकार को अस्थिर करने के उनके प्रयास विफल हो जाएंगे। हमारी सरकार स्थिर है।”

    यह बताया गया है कि कांग्रेस के छह से आठ विधायक भाजपा में शामिल होने के लिए तैयार हैं। सत्तारूढ़ गठबंधन के कुछ विधायक उपलब्ध नहीं हैं। सीएम कुमारस्वामी ने पहले विश्वास जताया था कि उनके पास पर्याप्त संख्या है और सरकार किसी भी खतरे से बच जाएगी।

    पूरी कहानी कुछ इस प्रकार है-

    कर्नाटक के कुछ कांग्रेस विधायकों ने कथित तौर पर मुंबई में भाजपा नेताओं से मुलाकात की, जबकि कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता बीएस येदियुरप्पा ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के गुरुग्राम में राज्य विधानसभा के सदस्यों के साथ एक बैठक की, राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार के आरोपों के बीच कि भाजपा जनता दल (सेकुलर)-कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए उनके विधायकों को शिकार बना रही है।

    सोमवार को, रिपोर्टों में कहा गया था कि येदियुरप्पा ने राज्य में भगवा पार्टी के सभी विधायकों को लेकर हरियाणा में किसी अज्ञात स्थान की ओर बढ़ गए थे। ऐसा तब किया गया जब कांग्रेस-जेडीएस ने भाजपा पर ये इलज़ाम लगाया। इसी बीच, ऐसी भी खबरें है कि राज्य के तीन कांग्रेसी विधायक मुंबई के एक होटल में ठहरे हैं।

    पिछले महीने, कुमारस्वामी ने इस बात पर जोर दिया था कि जेडीएस और कांग्रेस के बीच का गठबंधन पत्थर की तरह मजबूत है।

    दिसंबर में, राज्य के एक वरिष्ठ भाजपा विधायक ने दावा किया कि सत्तारूढ़ कांग्रेस-जेडीएस सरकार से 15 असंतुष्ट विधायक भाजपा के पास जाने के लिए तैयार थे। उमेश कट्टी ने 26 दिसंबर को कहा कि 15 सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायक उनके संपर्क में थे, अगर वे पार्टी में शामिल होने का फैसला करते हैं तो भाजपा उनका स्वागत करेगी।

    समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कर्नाटक के मंत्री और कांग्रेस नेता डी के शिवकुमार ने कहा-“हमारे विधायक हमारे साथ हैं। हम निर्वाचन क्षेत्र के लोगों के प्रति जवाबदेह हैं। वे कोई गंदी राजनीति नहीं कर रहे हैं।”

    इस बीच येदियुरप्पा पर हमला करते हुए सीएम कुमारस्वामी ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि ऑपरेशन लोटस 3.0 शुरू हो चुका है। बीजेपी हमारे विधायकों को लालच दे रही है। मुझे पता है कि कितना पैसा और गिफ्ट विधायकों को ऑफर किया जा रहा है। मुझे यह भी जानकारी है कि बीजेपी ने मुंबई में किसके नाम से कमरे बुक कराए थे।’

    कांग्रेस नेता और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी भाजपा को सत्ता के भूखे होने वाला बुलाया। उन्होंने कहा- “भाजपा के लोग हमेशा सत्ता के पीछे रहते हैं, वे संविधान का सम्मान नहीं करते हैं और लोकतंत्र में विश्वास नहीं करते हैं। वे कांग्रेस-जेडीएस सरकार को गिराना चाहते हैं। यह एक सपना है जो कभी पूरा नहीं होगा। उन्होंने (भाजपा) भारी धन के प्रस्ताव सही काफी कोशिश की मगर वे सफल नहीं होंगे।”

    सीएम के आरोपों को खारिज करते हुए येदियुरप्पा ने कहा, ‘हमने नहीं बल्कि पहले उन्होंने (जेडीएस) पैसे और ताकत का इस्तेमाल करते हुए खरीद-फरोख्त की शुरुआत की है। वे हमारे विधायकों से संपर्क करने की कोशिश में लगे हैं। कलबुर्गी सीट से हमारे एक विधायक को खुद कुमारस्वामी ने मंत्री पद का ऑफर दिया है।’ उन्होंने भरोसा जताया कि सभी 104 बीजेपी विधायक एकजुट हैं।

    येदियुरप्पा ने सत्ताधारी गठबंधन के ज्यादातर विधायकों के नाराज होने का दावा करते हुए कहा, ‘बीजेपी पर अंगुली उठाने की बजाए कुमारस्वामी को अपने विधायकों को एकजुट रखने की कोशिश करनी चाहिए।’

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

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