इस महीने शाहिद कपूर की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘कबीर सिंह‘ रिलीज़ होने वाली है जिसमे उनके विपरीत कियारा अडवाणी अहम किरदार में दिखाई देंगी। ये तेलगु ब्लॉकबस्टर ‘अर्जुन रेड्डी’ का रीमेक है जिसके निर्देशक संदीप वंगा ने फिर ‘कबीर सिंह’ नाम के हिंदी रीमेक का भी निर्देशन किया। ट्रेलर और गीत को दर्शको से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है हालांकि विषाक्त मर्दानगी की कथा और महिमा के बारे में बहुत सारे सवाल उठाए गए थे।
इस बारे में बात करते हुए, संदीप ने कथित तौर पर कहा कि यह अहंकार नहीं है, लेकिन वह वास्तव में छद्म नारीवादियों और छद्म सहानुभूति रखने वालों के बारे में नहीं चिंता करते। उन्होंने दावा किया कि फिल्म में एक भी ऐसा दृश्य नहीं है जहाँ महिला को अपमानजनक तरीके से दिखाया गया हो। कोई भी बम या क्लीवेज शॉट नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने कभी भी अपने दर्शको से महिला की बॉडी देखने के लिए नहीं कहा है।
फिल्म एक ऐसे होनहार डॉक्टर पर आधारित है जो अपना दिल तुड़वाने के बाद, शराबी बन जाता है। उसे ड्रग्स की भी लत लग जाती है। इस किरदार के लिए शाहिद ने बहुत मेहनत की है।
उन्हें ना केवल एक होनहार कॉलेज के छात्र का किरदार निभाना था बल्कि एक शराबी के किरदार को भी जीवंत करना था। नायक के बर्बाद अवतार को धारण करने के लिए, शाहिद को 8 किलो वजन बढ़ाना पड़ा। हालांकि, उन्हें जवान कॉलेज के छात्र जैसा दिखने के लिए 14 किलो वजन घटाना भी पड़ा।
और अगर इतना काफी नहीं था तो उन्हें एक ऐसी आदत को भी गले लगाना पड़ा जिसमे वह रत्ती भर भी विश्वास नहीं करते। किरदार को समझने के लिए और उसे महसूस करने के लिए, शाहिद को रोज़ 20 से ज्यादा सिगरेट और बीड़ी पीनी पड़ती थी।
जब उनके किरदार के सार को पकड़ने के लिए उनके संघर्ष के बारे में पूछा गया, तो शाहिद कपूर ने कहा-“मैं धूम्रपान का समर्थन नहीं करता। हालांकि, भूमिका की आवश्यकता थी क्योंकि नायक के अंदर यह क्रोध और रोष था। यह आसान नहीं था और ऐसा भी वक़्त आया जब मैंने एक दिन में लगभग 20 सिगरेट पी थी। मेरे बच्चों के पास घर लौटने से पहले मुझे फ्रेश होने में 2 घंटे के करीब लगते थे।”
21 जून को रिलीज़ होने वाली फिल्म में अर्जन बाजवा और सुरेश ओबेरॉय भी अहम किरदार में नज़र आएंगे।