भारतीय स्टेट बैंक का कहना है कि अब कच्चे तेल की कीमतों में स्थिरता आने वाली है, जिससे रुपया मजबूत हो सकता है। इसके अलावा निवेशकों के मन में भी धीरे-धीरे विश्वास बढ़ रहा है।
एसबीआई सिंगापुर के वाईस-प्रेसिडेंट शांतनु शुक्ला के मुताबिक इस साल भारी गिरावट के बाद अब रुपया वापसी कर रहा है, क्योंकि कमजोर रुपए की वजह से निर्यात में वृद्धि होती है।
शुक्ला नें आगे बताया कि रुपए में गिरावट का एक मुख्य कारण चीन और अमेरिका के बीच व्यापार युद्ध था। यह कारण हालाँकि अब भारत की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा साबित हो सकता है, क्योंकि दोनों चीन और अमेरिका अब नए व्यापारिक साझेदार की तलाश कर रहे हैं और भारत इसमें भागीदारी कर सकता है।
शुक्ला नें आगे बताया, “वर्तमान समय में रुपए की गिरावट के पीछे लोगों की भावुकता है। मुझे लगता है कि रुपए को 70 के पास नहीं पहुंचना चाहिए।”
आपको बता दें कि इस साल एशिया के बाजार में रुपया सबसे कमजोर मुद्रा रहा है। सिर्फ इसी साल में रुपया 11 प्रतिशत गिर चुका है।
इस सप्ताह रुपया अपने सबसे नीचले स्तर पर पहुंचा, जहाँ इसने 72.97 का आंकड़ा छुआ। इसके बाद हालाँकि रुपए नें रिकवरी करते हुए 71 के पास पहुँच गया था। शुक्ला का मानना है कि बहुत जल्द रुपया वापसी करते हुए 68 तक पहुँच सकता है।
जाहिर है भारत सरकार नें पिछले सप्ताह कई ऐसे फैसले लिए, जिससे रुपए को मजबूती मिलने के आसार हैं। पहला, सरकार नें बाहरी निवेशकों के लिए बांड खरीदना आसान बना दिया है, जिससे अर्थव्यवस्था में ज्यादा पैसा आ सके।
इसके अलावा हाल ही में सेबी नें घोषणा की थी कि एनआरआई के लिए अब म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना आसान हो गया है।
हालाँकि इन सब फैसलों के बावजूद भी रुपए में ज्यादा मजबूती नहीं दिखी है। एक बड़ा कारण है, तेल की कीमतों में वृद्धि। इसकी वजह से भारत का आयात काफी बढ़ गया है, जिससे वित्तीय घाटे में बढौतरी हुई है।
चित्र स्त्रोत: ब्लूमबर्ग
शुक्ला नें इस बारे में कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में जल्द ही स्थिरता आ सकती है और कच्चे तेल की कीमत $80 से $85 प्रति बैरल पहुँच सकती है।