Mon. Dec 23rd, 2024
    कंप्यूटर नेटवर्क में सर्किट स्विचिंग circuit switching in hindi, computer networks

    विषय-सूचि

    सर्किट स्विचिंग क्या है? (what is circuit switching in hindi)

    सर्किट स्विचिंग नेटवर्क में संसाधनों (Bandwidth) को टुकड़ों में बाँट दिया जाता है और बिट डिले कनेक्शन के समय कांस्टेंट रहता है।

    सेंडर और रिसीवर के बीच स्थापित हुआ डेडिकेटेड रास्ता या सर्किट डाटा रेट कि गारंटी देता है। अगर एक बार सर्किट स्थापित हो जाए तो फिर डाटा को बिना किसी डिले यानी देरी के ट्रांसमिट किया जा सकता है।

    टेलीफोन सिस्टम नेटवर्क सर्किट स्विचिंग का ही एक उदाहरण है। सिंगल करियर में म्लिप्लेक्सिंग के दो तरीकें हैं:

    • टाइम डिवीज़न मल्टीप्लेक्सिंग (TDM), और
    • फ्रीक्वेंसी डिवीज़न मल्टीप्लेक्सिंग (FDM)

    फ्रीक्वेंसी डिवीज़न मल्टीप्लेक्सिंग (frequency division multiplexing in hindi)

    ये डाटा को बहुत सारे बंद में बाँट देता है। फ्रीक्वेंसी डिवीज़न मल्टीप्लेक्सिंग या FDM का अप्रयोग तब होता है जब एक से ज्यादा डाटा सिग्नल को शेयर्ड संचार माध्यम के द्वारा एक साथ ट्रांसमिशन के लिए कंबाइन किया जाता है।

    ये एक ऐसी तकनीक है जिसमे कुल बैंडविड्थ को ओवरलैप ना होने वाले फ्रीक्वेंसी सब-बैंड्स के सीरीज में बाँट दिया जाता है। हर एक सब-end अलग-अलग सिग्नल को कैर्री करता है।

    इसका वास्तविक प्रयोग रेडियो स्पेक्ट्रम और ऑप्टिकल फाइबर में एक से ज्यादा स्वतंत्र सिग्नल को शेयर करने के लिए होता है।

    टाइम डिवीज़न मल्टीप्लेक्सिंग (time division multiplexing in hindi)

    ये डाटा को फ्रेम में विभाजित करता है। टाइम डिवीज़न मल्टीप्लेक्सिंग या TDM एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक कॉमन सिग्नल रास्ता पर स्वतंत्र सिग्नल रिसीव और ट्रांसमिट किये जाते हैं।

    ऐसा ट्रांसमिशन लाइन के हर एंड पर synchronized स्विच लगा कर किया जाता है। इसे लम्बी दूरी के संचार लिंक को स्थापित करने के लिए प्रयोग किया जाता है क्योंकि ये एंड यूजर की तरफ से भारी डाटा ट्रैफिक के लोड को सहने में भी सक्षम होता है।

    टाइम डिवीज़न मल्टीप्लेक्सिंग यानी TDM को डिजिटल सर्किट switched के नाम से भी जाना जाता है। सर्किट स्विचिंग के कुछ फार्मूला निम्न हैं:

    ट्रांसमिशन रेट = Link Rate or Bit rate / 
                        no. of slots = R/h bps
    ट्रांसमिशन टाइम = size of file / 
                        transmission rate 
                     = x / (R/h) = (x*h)/R second
    Total time to send packet to destination =
                   Transmission time + circuit setup time

    सर्किट स्विचिंग के उदाहरण (examples of circuit switching in hindi)

    अब यहाँ हम आपको एक प्रश्न को हल कर के बताएँगे कि सर्किट स्विचिंग के प्रॉब्लम को कैसे सोल्वे करते हैं।

    प्रश्न: h-स्लॉट के साथ TDM प्रयोग करने वाले सर्किट नेटवर्क में एक ‘x’ बिट के फाइल को होस्ट A से होस्ट B तक भेजने में कितना समय लगेगा अगर बिट रेट R mbps और सर्किट establish टाइम k सेकंड्स है।

    हल:

    ट्रांसमिशन रेट= Link Rate or Bit rate / no. of slots = R/h bps
    ट्रांसमिशन टाइम= size of file/ transmission rate = x / (R/h) = (x*h)/R

    कुल समय= ट्रांसमिशन टाइम + सर्किट सेट-अप टाइम = (x*h)/R secs + k secs

    इस तरह आप समझ गये कि सर्किट स्विचिंग क्या है और इसके प्रॉब्लम को कैसे हल करते हैं।

    इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

    By अनुपम कुमार सिंह

    बीआईटी मेसरा, रांची से कंप्यूटर साइंस और टेक्लॉनजी में स्नातक। गाँधी कि कर्मभूमि चम्पारण से हूँ। समसामयिकी पर कड़ी नजर और इतिहास से ख़ास लगाव। भारत के राजनितिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक इतिहास में दिलचस्पी ।

    One thought on “कंप्यूटर नेटवर्क में सर्किट स्विचिंग क्या है?”
    1. टिप्पणी: Windows mein lage huea password ko kaise break kare yadin koi windows ka password bhul gaya ho toh.

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *