विषय-सूचि
वर्चुअल लैन क्या है? (vlan in hindi)
वर्चुअल LAN या VLAN एक ऐसा कांसेप्ट है जिसके द्वारा हम लेयर दो यानी डाटा लिंक लेयर पर डिवाइस को दोगिकाल्ली विभाजित कर सकते हैं।
सामान्यतः ब्रॉडकास्ट डोमेन को लेवल 3 लेयर विभाजित करता है लेकिन यहाँ भी हम VLANs के कांसेप्ट से स्विचों का प्रयोग कर के ऐसा कर सकते हैं।
ब्रॉडकास्ट डोमेन एक ऐसा नेटवर्क सेगमेंट है जिसमे अगर डिवाइस किसी पैकेट को ब्रॉडकास्ट करता है उस समान ब्रॉडकास्ट डोमेन के सभी डिवाइस उसे प्राप्त करेंगे।
समान ब्रॉडकास्ट डोमेन में होने वाले सभी डिवाइस सारे ब्रॉडकास्ट पैकेट्स को प्राप्त करेंगे लेकिन वो स्विचों तक ही लिमिटेड है क्योंकि routers ब्रॉडकास्ट पैकेट्स को बाहर फॉरवर्ड नही करता।
इसीलिए पैकेट्स को अलग VLAN में फॉरवर्ड करने के लिए (एक VLAN से दूसरे VLAN में) या फिर डोमेन को ब्रॉडकास्ट करने के लिए, इंटर VLAN routing कि जरूरत पड़ती है।
VLAN के द्वारा विभिन्न छोटे-छोटे आकार के सब-नेटवर्क को बनाया जाता है जिन्हें हैंडल करना तुलनात्मक रूप से आसान रहता है।
VLAN Ranges in hindi
VLANs और उनके रेंज को समझने के लिए इस तालिका को ध्यान से देखें:
वर्चुअल लेन का कॉन्फ़िगरेशन (vlan configuration in hindi)
अगर आपको VLAN क्रिएट करना है तो सीधा नाम और id देकर ऐसा कर सकते हैं:
#switch1(config)#vlan 2 #switch1(config-vlan)#vlan accounts
यहाँ पर 2 इस VLAN कि id है और vlan name इसका अकाउंट नाम है। अब VLAN को स्विच पोर्ट कैसे असाइन करते हैं वो नीचे देखें:
Switch(config)#int fa0/0 Switch(config-if)#switchport mode access Switch(config-if)#switchport access Vlan 2
अब स्विचपोर्ट का रेंज भी जिस VLAN को चाहें उसे असाइन कर सकते हैं:
Switch(config)#int range fa0/0-2 Switch(config-if)#switchport mode access Switch(config-if) #switchport access Vlan 2
अब vlan2 को स्विचपोर्ट fa0/0,fa0/1,fa0-2 असाइन हो जाएगा।
VLAN के फायदे (Advantages of vlan in hindi)
अब हम आपको VLAN के कुछ लाभ बता रहे हैं जो कि निम्नलिखित हैं:
- परफॉरमेंस– नेटवर्क ट्रैफिक ब्रॉडकास्ट और मल्टीकास्ट से भरे होते हैं। VLAN हमे ऐसे ट्रैफिक को जहां जरूरत नही है वैसे लोकेशन पर भेजने की जरूरत को समाप्त कर देता है। जैसे कि उदाहरण के रूप में मान लीजिये कि ट्रैफिक को दो डिवाइस के लिए तैयार किया गया है लेकिन उसी ब्रॉडकास्ट डोमेन में दस डिवाइस हैं तो ट्रैफिक हर जगह पहुंचेगा और इस से बैंडविड्थ कि बर्बादी होगी। लेकिन वहीं अगर हम VLAN बना लेते हैं तो मल्टीकास्ट और ब्रॉडकास्ट पैकेट उन्ही डिवाइस में जाएगा जहां हम भेजना चाहते हैं।
- वर्चुअल ग्रुप्स का बनना– जैसे सभी संस्था या कम्पनी में सेल्स, मैनेजमेंट इत्यादि कई तरह के डिपार्टमेंट होते हैं वैसे ही VLAN devices को उनके जरूरत और डिपार्टमेंट के हिसाब से अलग-अलग logically बनाये गये समूह में डाल सकता है।
- सिक्यूरिटी– समान नेटवर्क में अगर सेंसिटिव डाटा ब्रॉडकास्ट हुआ तो कोई बाहरी उसे एक्सेस कर सकता है लेकिन VLAN बनाने के बाद हम ब्रॉडकास्ट डोमेन को नियंत्रित कर सकते हैं और फ़ायरवॉल बना कर एक्सेस भी रेस्ट्रिक्ट कर सकते हैं। यही नही, ये नेटवर्क के मेनेजर को किसी भी प्रकार के बाहरी एक्सेस कि सूचना देने में भी सक्षम है। इसीलिए VLAN नेटवर्क सिक्यूरिटी को भी बढाता है।
- फ्लेक्सिबिलिटी– ये हमे होस्ट कि संख्या बढाने घटाने कि भी छूट देता है।
- कोस्ट-रिडक्शन– VLAN के प्रयोग से ऐसे ब्रॉडकास्ट डोमेन भी बनाये जा सकते हैं जिसमे महंगे routers की जरूरत नही पड़ती।
इसके अलावा VLAN का प्रयोग कर के छोटे आकार के ब्रॉडकास्ट डोमेन कि संख्या बढाई भी जा सकती है जो कि बड़े ब्रॉडकास्ट डोमेन के मुकाबले हैंडल करने में आसान होता है।
इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।