कैंसर की बिमारी से जूझ रहे गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर लम्बे समय बाद रविवार को सार्वजनिक जीवन में नजर आये। उन्होंने गोवा की राजधानी पणजी के निकट बन रहे 2 पुलों का औचक निरिक्षण किया और काम करने वाले अधिकारियों से कुछ बात चीत की।
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी की गई तस्वीर परिक्कर बेहद कमजोर दिखा रहे हैं। उन्होंने नाम में ड्रिप लगा रखी है और सुरखा हेलमेट पहने हुए सरकारी अधिकारियों और इंजीनियरों से बात करते हुए हुए दिखाई दे रहे हैं। वो पणजी के नजदीक मंडोवी नदी पर बन रह पुल का निरिक्षण करने पहुंचे थे।
Chief Minister @manoharparrikar visited the construction site of 3rd Mandovi Bridge & inspected the progress of work. Officials of GSIDC and L&T engineers were present on the site to brief the Chief Minister. CM Parrikar later also inspected the ongoing works of new Zuari Bridge. pic.twitter.com/dUwe34Og9W
— CMO Goa (@goacm) December 16, 2018
इससे पहले भी पिछले महीने परिक्कर की एक तस्वीर मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा जारी की गई थी जिसमे परिक्कर अपने घर में पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर रहे थे।
परिक्कर की तस्वीर सोशल मिडिया पर वायरल हो गई उसके बाद लोग दो भागों में बंट गए। कुछ जहाँ ये कह रहे कि परिक्कर को ऐसी अस्वस्थता की स्थिति में आराम करना चाहिए वहीँ कुछ लोग उनकी जीवटता की तारीफ़ भी कर रहे।
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा कि “बिमारी की अवस्था में भी उन्हें अमानवीय तरीके से काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्हें आराम क्यों नहीं करने दिया जा रहा?”
He has a tube inserted through his nose into his digestive tract. How inhuman to force him to continue working & doing photo ops. Why can’t he be allowed to deal with his illness without all this pressure & tamasha? https://t.co/iq0dwXCHmE
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) December 16, 2018
उमर अब्दुल्ला के ट्वीट पर लोगों ने उन्हें परिक्कर की जीवटता से सीख लेने की सलाह दी। पत्रकार यशवंत देशमुख ने उमर अब्दुल्ला के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा “ये तस्वीर हमें सिर्फ प्रेरणा दे रही है कि आखिरी वक़्त में भी आप अपने जीवन को अपने तरीके से जी सकते हैं। किसी कैंसर के मरीज को बिस्तर पर पड़े पड़े पीड़ादायक मौत मरने के लिए क्यों छोड़ दिया जाए?”
Completely disagree @OmarAbdullah . If anything, these photos can only inspire all of us that you must live your life just the way you wish to, till the very last. Why should any cancer patient be asked to just give up, accept his/her fate and wait for painful death on the bed? https://t.co/fabA3zgrfp
— Yashwant Deshmukh 🇮🇳 (@YRDeshmukh) December 17, 2018
इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट के पणजी बेंच ने पारीकर के स्वास्थ्य के समबन्ध में जानकारी उपलब्ध कराने के लिए कहा था क्योंकि विपक्ष ने आरोप लगाये थे कि कई महीनो से परिक्कर की अनुपस्थिति में गोवा की शासन व्यवस्था ठप्प पड़ गई है। कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को आदेश दिया था कि परिक्कर की स्वास्थ्य सम्बन्धी रिपोर्ट को सार्जनिक किया जाए।