Tue. Dec 24th, 2024
    ऑस्कर जीतने से एक दिन पहले 'पतला' दिखने के लिए भूख से मर रहे थे ए आर रहमान

    एक ही रात में दो दो ऑस्कर जीतकर इतिहास रचने वाले वाले पहले भारतीय ए आर रहमान ने कहा कि उस शाम शेप में लगने के लिए वे भूखे रहे थे। संगीतकार “स्लमडॉग मिलियनेयर” के ऑस्कर जीतने के दस साल होने के जश्न में रखी गयी सेरेमनी में बोल रहे थे।

    रहमान को दो अकादमी पुरस्कार मिले, जिनमें से एक “स्लमडॉग मिलियनेयर” के मूल गीत के लिए और दूसरा बेहद लोकप्रिय वैश्विक हिट ‘जय हो’ के लिए था।

    जबकि उनके लिए जीत के बाद काफी चीज़े बदल गयी थी, जब रहमान से पूछा गया कि सेरेमनी की शाम को उनके दिमाग में क्या चल रहा था, तो रहमान ने PTI से कहा को बताया-“वास्तव में कुछ भी नहीं। मैं सेरेमनी के लिए पतला दिखने के लिए भूख से मर रहा था।”

    उस शाम, डैनी बॉयल द्वारा निर्देशित फिल्म को 81वे अकादमी अवार्ड्स में 10 नॉमिनेशन मिले थे जिसमे से फिल्म ने 8 ट्रॉफी अपने नाम की थी।

    जब उनसे पुछा गया कि क्या ऑस्कर की छाया से निकलना मुश्किल था, रहमान ने कहा-“हां। मैं आगे बढ़ गया हूँ क्योंकि ये मेरे लिए महान पहचान है और मैं चाहता था कि पहचान हॉलीवुड में रहे। अब, जब भी वहाँ मेरा उल्लेख होता है तो लोग मेरा नाम जानते हैं। इससे मुझे संगीत में ही नहीं, बल्कि फिल्मों का निर्माण करने और वर्चुअल रियलिटी और सिनेमाई वर्चुअल रियलिटी जैसी तकनीकों में जाने में और इस साल आने वाली बहुत सारी चीजों में मदद करने में मदद मिली। इसलिए, यह सब स्वतंत्रता इस शक्ति के साथ आई।”

    बातचीत के दौरान, रहमान ने वो किस्सा भी सुनाया जब उन्हें गोल्डन ग्लोब अवार्ड मिल रहा था मगर अनिल कपूर उन्हें अवार्ड लेते देख नहीं पाए क्योंकि वे उनके लिए ड्रिंक लेने गए थे। रहमान ने कहा-“मैं अनिल के बगल में बैठा था और मुझे बहुत प्यास लगी थी। वे काफी दयालु थे और उन्होंने कहा कि वे मेरे लिए स्प्राइट लेकर आयेंगे। जब वे उठ कर गए, मुझे अवार्ड मिल गया।”

    इस पर अनिल ने जवाब दिया-“मैं कभी उन्हें मांफ नहीं करूँगा। मैं उनके अवार्ड लेने का इंतज़ार कर रहा था। मगर उन्हें प्यास लगी थी तो मैं चला गया। बार काउंटर पर इतनी भीड़ थी कि जब तक मैं लौटा उन्हें अवार्ड मिल चुका था। मगर फिर मैंने ऑस्कर देखा जिससे चार चाँद लग गए। आप नहीं जानते मुझे कैसा लग रहा था जब वे स्टेज पर गए और गाना बज रहा था। काश मैं प्रोटोकॉल तोड़ पाता और स्टेज पर नाच पाता। मुझे खुद पर काबू करना पड़ रहा था।”

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *