Tue. Oct 8th, 2024
    रूस उप विदेश मंत्री एनएसजी

    रूस ने भारत के न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप (एनएसजी) की सदस्यता का समर्थन किया है। रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने बुधवार को कहा कि एनएसजी के लिए भारत के प्रमाण-पत्र त्रुटिहीन है। जबकि पाकिस्तान के संबंध मे ऐसा नहीं है।

    रूस के उप विदेश मंत्री ने साफ तौर पर कहा कि एनएसजी सदस्यता के लिए भारत व पाकिस्तान दोनों के आवेदन आए हुए है। लेकिन भारत व पाकिस्तान के एनएसजी सदस्यता के आए आवेदन पत्रों की तुलना नहीं की जा सकती है।

    मंत्री ने पाकिस्तान के लिए कहा कि वो अभी एनएसजी सदस्यता के लिए दावा नहीं कर सकता है। भारत की सदस्यता का समर्थन करते हुए कहा कि भारत का रिकॉर्ड परमाणु परीक्षण के मामले में गैर-प्रसार वाला है। जबकि पाकिस्तान वैश्विक परमाणु व्यापार के नियमों के अंतर्गत एनएसजी सदस्यता के लिए दावा नहीं कर सकता है।

    रयाबकोव ने कहा कि हमने आज भारत के भावी एनएसजी सदस्यता पर चर्चा की है। रूस भारत की सदस्यता का एक प्रबल प्रस्तावक है।

    आगे कहा कि हम इस तथ्य को स्वीकार करते है कि पाकिस्तान के आवेदन के संबंध में एकमत होने के लिए फिलहाल कोई संभावना नहीं है। इसलिए भारत व पाकिस्तान के आवेदनों को आपस मे जोड़ना नहीं चाहिए।

    भारत को रूस व पाक को चीन का समर्थन

    हाल के वर्षों में देखा गया है कि रूस व भारत काफी करीब आ रहे है और साथ ही इनके संबंध भी मजबूत हो रहे है। अगर पाकिस्तान की बात की जाए तो उसका समर्थन करने वाला चीन है जबकि रूस ने भी पाकिस्तान से दूरी बनाए रखी है।

    रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव की यह टिप्पणी भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। एनएसजी सदस्यता के लिए हर बार चीन अडंगा लगाता आ रहा है। जबकि रूस की तरफ से भारत की सदस्यता दिलाने को लेकर समर्थन किया जा रहा है।

    वासेनर समझौते में शामिल हो सकता है भारत

    वहीं रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने भारत के वासेनर समझौते में शामिल होने की संभावना जताई है। यह समझौता पारंपरिक हथियारों और इसके दोहरे उपयोग के सामान व प्रौद्योगिकियों के लिए निर्यात नियंत्रणों पर नियम निर्धारित करता है।

    रयाबकोव के मुताबिक वियना में इस समय 41 समूह वाले देश बुधवार से बैठक कर रहे है। ये बैठक गुरूवार को समाप्त होगी। इस बीच संभावना जताई गई है कि भारत जल्द ही वासेनर समझौते में शामिल हो सकता है।

    हालांकि रूसी उप विदेश मंत्री ने किसी भी नए सदस्यों के प्रवेश पर सर्वसम्मति की आवश्यकता पर जोर भी दिया है। गौरतलब है कि भारत ने पिछले साल भी एनएसजी सदस्यता के लिए आवेदन किया था लेकिन चीन ने इसे रोक दिया था।