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    anupriya patel

    देश के हर भाग में एनडीए की सहयोगी पार्टियों की नाराजगी का सिलसिला जारी है। सोमवार को असम में भाजपा की सहयोगी असोम गण परिषद ने नागरिकता संशोधन बिल का विरोध करते हुए भाजपा से नाता तोड़ लिया और अब उत्तर प्रदेश में भाजपा की छोटी सहयोगी अपना दल और सुहेलदेव भारत समाज पार्टी भाजपा को आँखे दिखा रही है।

    पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री और सोहेलदेव भारत समाज पार्टी प्रमुख ओम प्रकाश राजभर ने भाजपा को 27 प्रतिशत ओबीसी कोटा आरक्षण लागू करने की अपनी मांगों को पूरा करने के लिए 100 दिन का अल्टीमेटम दिया, वहीँ अपना दल सांसद अनुप्रिया पटेल ने कहा कि अगर भाजपा नेतृत्व उनके पार्टी कार्यकर्ताओं की अनदेखी करता रहा तो वो कोई भी निर्णय ले सकती है।

    राजभर ने लखनऊ में पार्टी की मासिक बैठक के मौके पर द इंडियन एक्सप्रेस को बताया “हर बार चुनाव होने पर, भाजपा को सहयोगियों की मदद से वोट मिलते हैं। बाद में, वे सहयोगियों को साथ ले जाने से इनकार कर देते हैं। अपना दल को अब यह पता चल गया है लेकिन मैं इसे पिछले 21 महीनों से जानता हूं। शिवसेना हो, उपेंद्र कुशवाहा या रामविलास पासवान, उनमें से कोई भी वर्तमान भाजपा के साथ समझ पैदा नहीं कर पा रहा है।”

    उन्होंने कहा, ‘अगर बीजेपी हमें चुनाव में अपने साथ रखना चाहती है तो ठीक अगर नहीं तो हम सभी 80 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। अगर भाजपा 27 प्रतिशत आरक्षण के भीतर कोटा लागू करती है तभी हम उनके साथ हैं।”

    उन्होंने 100 दिनों के भीतर उनकी मांगों को पूरा नहीं करने पर भाजपा का साथ छोड़ने की धमकी दी। उन्होंने कहा, ‘अगर वे हमारी कोटा मांग को लागू नहीं करते हैं तो मैं भाजपा के खिलाफ काम करूंगा। समिति (सामाजिक न्याय समिति) की रिपोर्ट पहले ही मुख्यमंत्री के पास है और उन्हें इसे लागू करना चाहिए।

    हाल ही में, चार सदस्यीय सामाजिक न्याय समिति ने कथित तौर पर सिफारिश की है कि 79 ओबीसी समुदायों को तीन श्रेणियों में विभाजित किया जाना चाहिए। सिफारिश के अनुसार, श्रेणियों में क्रमशः सात प्रतिशत, 11 प्रतिशत और नौ प्रतिशत आरक्षण के साथ पिछड़ा वर्ग, सर्वाधिक पिछड़ा वर्ग और अति पिछड़ा वर्ग होना चाहिए।

    यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर कटाक्ष करते हुए राजभर ने कहा, “एक समय था जब हमारे पास समझ थी लेकिन यह अब भी जारी नहीं रह सकता। आप क्रोधित हों या प्रसन्न हों, अब हमारे पास अलग रास्ते हैं। योगी को केवल गायों को बचाना है और मुझे गरीबों को शिक्षा देनी है। हम अलग हैं।”

    दूसरी तरफ, 1-ए मॉल एवेन्यू में अपने पार्टी कार्यालय के उद्घाटन पर बोलते हुए, अनुप्रिया ने कहा कि उनकी पार्टी को केंद्रीय भाजपा नेतृत्व के साथ शिकायत नहीं थी, बल्कि यूपी में पार्टी इकाई के साथ। सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों को अस्वीकार करते हुए, उसने कहा कि 27 प्रतिशत ओबीसी कोटा के भीतर कोटा का वितरण प्रत्येक समुदाय की जनसंख्या के आधार पर होना चाहिए।

    उन्होंने कहा “हम अपने कार्यकर्ताओं के सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं करने जा रहे हैं। हमारी पार्टी ने गठबंधन धर्म को हमेशा पूरा किया है और हम ऐसा करते रहेंगे। हम अपने कार्यकर्ताओं की मांगों को हर मंच पर उठाते हैं लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं की अनदेखी की गई। अब, हमें मज़बूरी में मीडिया में आना पडा।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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