अमेरिका ने गुरूवार को कहा कि “अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन करने पर उन्होंने उत्तर कोरिया के विमानवाहक युद्धपोत को जब्त कर लिया है।” अमेरिका ने भी पियोंगयांग पर प्रतिबन्ध थोपे हैं। इस जहाज की पहचान वाइज ऑनेस्ट के नाम से हुई है जिसका वजन 17061 टन है।
रायटर्स के मुताबिक इस युद्धपोत के जरिये उत्तर कोरिया से अवैध तरीके से कोयले का निर्यात किया जा रहा था और कम्युनिस्ट राष्ट्र को भारी मशीनरी डिलीवर की जा रही थी। बयान के मुताबिक, वाइज ऑनेस्ट के रखरखाव, उपकरण और सुधारो के लिए रकम की अदाएगी अमेरिकी बैंको के जरिये अमेरिकी डॉलर से की जा रही थी। इसने अमेरिकी कानून और यूएन सुरक्षा परिषद् के प्रस्ताव का उल्लंघन किया है।”
असिस्टेंट अटॉर्नी जनरल डमेरस ने कहा कि “यह प्रतिबंधित जहाज अब आउट ऑफ़ सर्विस हैं। उत्तर कोरिया और इस जहाज को अमेरिकी और यूएन के प्रतिबंधो का उल्लंघन करने से बचने वाली कंपनियों को पता होना चाहिए कि हम इसका इस्तेमाल अपने व्यवस्थापन के तहत एक औजार की तरह कर सकते हैं। हम अमेरिका और वैश्विक समुदाय के प्रतिबंधों को लागू करने के लिए उन पर आपराधिक इल्जाम लगा सकते हैं।”
यूएस अटॉर्नी ज्यॉफ्री एस बर्मन ने कहा कि “आज की नागरिक कार्रवाई में सबसे पहले उत्तर कोरिया के विमानवाहक युद्धपोत को अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों का उल्लंघन करने के लिए जब्त किया जाता है। हमने उत्तर कोरिया की स्कीम को उजागर किया है जिसमे वह विदेशो में उच्च स्तर के कोयले का निर्यात करता है।”
यह स्कीम न सिर्फ उत्तर कोरिया को प्रतिबंधों से बचाने की अनुमति देती है बल्कि वाइज ऑनेस्ट का इस्तेमाल उत्तर कोरिया को भारी मशीनरी आयात करने के लिए भी किया जाता है। वह देश की क्षमता को बढ़ाने और प्रतिबंधो की मार से बचाने में मदद करता है।
इस जहाज को बीते वर्ष अप्रैल को इंडोनेशिया के समुंद्री अधिकारीयों ने जब्त किया था और हिरासत में ले लिया था। अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा कि “उत्तर कोरिया के हालिया प्रक्षेप्य लांच से कोई भी खुश नहीं है और वे इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। हम इस बेहद संजीदगी से ने ले रहे हैं। वे कम मारक क्षमता की मिसाइल थी।”
डोनाल्ड ट्रम्प ने उम्मीद जताई कि “किम जोंग उन अपने मुल्क को आर्थिक महाशक्ति बनाने के अवसर को नहीं गवांयेंगे और परमाणु हथियार कार्यक्रम को नष्ट कर देंगे।” दोनों मुल्कों के बीच में हनोई में मुलाकात काफी नकारात्मक रही थी और यह बगैर किसी समझौते के खत्म हो गयी थी।