उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण की प्रतिबद्धता के कारण अमेरिका किम जोंग उन को रियायत बरतने के विषय पर विचार कर रहा है।
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे इन उत्तर कोरिया के पाले में जाकर अमेरिका को मनाने में जुटे हुए हैं। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ने बताया कि किम जोंग उन अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक और अन्य वैश्विक विभागों से जुड़ने के इच्छुक है।
उत्तर कोरिया आंतरिक चुनौतियों से निपटने के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था का भागीदार बनाना चाहता है। दशकों से परमाणु गतिविधियों और मानवाधिकार के उल्लंघन के कारण अधिकतर विश्व ने उनसे आर्थिक दूरिया बनाई हुई है। हालाँकि विशेषज्ञों के मुताबिक आईएमएफ तक पहुंचने की यात्रा अभी दूर है।
आईएमएफ की सदस्यता के फायदे
आईएमएफ अमेरिकी प्रभुत्व वाला संघठन है। इसकी सदस्यता हासिल करने के बाद उत्तर कोरिया को तकनीकी सहायता, विशेषज्ञ और मदद के लिए फंड भी मुहैया कराया जायेगा।
आईएमएफ के द्वार उत्तर कोरिया के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था में शामिल होने के लिए मार्ग बनाएंगे। उत्तर कोरिया को आईएमएफ में शामिल करना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए खतरे भरा निर्णय साबित हो सकता है।
आर्थिक पारदर्शिता
विश्व बैंक की सदस्यता के लिए पहले आईएमएफ की सदस्यता हासिल करना जरुरी है। विश्व बैंक दुनिया में विकासशील देशों को तकनीक और फंड मुहैया करने में अग्रणी संस्थान है।
आईएमएफ में शामिल होने के लिए देश को अर्थव्यवस्था की सूचना साझा करनी होती है। साथ ही विदेश विनिमय पर कोई पाबंदी नहीं लगानी, व्यापार में वृद्धि की नीतियों को लागू और सब्सक्रिप्शन कोटा की रकम अदा करनी होती है। उत्तर कोरिया आर्थिक पारदर्शिता के कोसों दूर है और इसकी जांच के लिए किम जोंग उन शायद ही हामी भरेगा।
आर्थिक विश्लेषक के मुताबिक उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था एक माफिया राज्य की माफिक कार्य करती है। वहां शासन के अलावा कोई संस्थान मौजूद नहीं है। उन्होंने कहा कि शासन इन राज़ को उजागर नहीं होने देगा चूँकि इसके खुलासे से वे कमजोर पड़ सकते हैं।
उत्तर कोरिया में काला बाज़ारी और भ्रष्टाचार की भरमार है और अधितकर नागरिक आधिकारिक तनख्वाह पर जीवन यापन नहीं कर सकते हैं।
सीओल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर के मुताबिक उत्तर कोरिया में आधी से अधिक बाज़ारी गतिविधियां अवैध है और 70 फीसदी आय का स्त्रोत वैध और अवैध बाजार ही है। नार्थ कोरिया के आला अधिकारियों तक भ्रष्टाचार फैला हुआ है। ऐसी दोहरी अर्थव्यवस्था का आंकलन कर पाना बेहद मुश्किल है। किम जोंग उन सहित आला अधिकारियों ने विदेशी व्यापार से काफी धन लिया हुआ है।
उत्तर कोरिया ने साल 1960 से आर्थिक आंकड़ों को प्रकाशित नहीं किया है। इस पर भी संशय है कि कितना आधिकारिक डाटा सरकार ने जुटा रखा है।
दक्षिण कोरिया का केन्द्रय बैंक प्रतिवर्ष उत्तर कोरिया का आर्थिक अनुमानित आंकड़ों को प्रकाशित करता है। इस डाटा के मुताबिक साल 2017 में उत्तर कोरिया का वृद्धि दर पिछले 20 वर्षों में सबसे कम थी।
उत्तर कोरिया की जून में डोनाल्ड ट्रम्प से हुई मुलाकात की प्रतिबद्धता के तहत परमाणु निरस्त्रीकरण करता है तो ही उससे प्रतिबन्ध हटने की सम्भावना है। हालाँकि उत्तर कोरिया परमाणु हथियारों को ध्वस्त करने के लिए कोई सार्थक कदम नहीं उठा रहा है।
पियोंगयांग अन्य राष्ट्रों के साथ राजनीतिक सम्बन्ध और मानवाधिकार मसले को सुलझाने में सफल रहता है तो उस पर सुधारवादी अवसरों की बौछार होगी। हालाँकि राजनीति तय करेगी कि उत्तर कोरिया आईएमएफ का सदस्य देश बनेगा या नहीं।