पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान ने अपने मंत्रियों के बयान की भरपाई करने के लिए कहा कि करतारपुर गलियारे का खोलना कोई गूगली नहीं थी बल्कि एक सीधा निर्णय था। हाल ही में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बयान दिया था कि इमरान खान के सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर सीमा खोलने से भारत असमंजस में पड़ गया है।
28 नवम्बर को पाकिस्तान में आयोजित करतारपुर गलियारे के समारोह में के दो केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बदल और हरदीप सिंह पूरी शामिल हुए थे। साथ ही कांग्रेस के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी इस सम्मेलन में शरीक हुए थे। 1 दिसम्बर को भारत की विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री पर पलटवार करते हुए कहा कि भारत पाकिस्तान की किसी गूगली के जाल में नहीं फंसा था। उन्होंने कहा कि ‘श्रीमान विदेश मंत्री आपकी गूगली ने किसी और का नहीं बल्कि आपका नाटक को उजागर किया है’।
उन्होंने कहा कि इससे पता चलता है कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री सिखों की भावनाओं का सम्मान नहीं करते हैं, आप सिर्फ गूगली खेलते हैं। इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान भारत के साथ शांतिपूर्ण सम्बन्ध चाहता है। उन्होंने कहा कि करतारपुर गलियारा कोई दोहरी चाल या गूगली नहीं था बल्कि एक सीधा निर्णय था।
भारतीय विदेश मन्त्री के जवाब में पाकिस्तान के शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उनके बयान को सिख समुदाय की भावनाओं से जोड़ना, जानबूझकर गलत तरीके से बयान को पेश करने और बहकाने का प्रयास था। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि इस बयान से मेरा सीधा मकसद भारत सरकार के साथ द्विपक्षीय सबंधों के साथ था। उन्होंने कहा कि हमारे मन में सिख समुदाय के लिए बहुत सम्मान है और ऐसे विवाद उन भावनाओं को परिवर्तित नहीं कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने करतारपुर गलियारे को खोलने का निर्णय सिख समुदाय के साथ जुड़ाव के कारण लिया था। उन्होंने कहा कि हमने इस ऐतिहासिक पहल का निर्णय अच्छी आस्था और इच्छा के साथ लिया था और इस आगे भी बढ़ाएंगे।
पाकिस्तान के मुताबिक भारत के मीडिया का एक हिस्सा उनके खिलाफ नकारात्मक अभियान चला रहा है, जो सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर गलियारे को खोलने की पहल के खिलाफ है।