पाकिस्तान को आर्थिक कर्ज से मुक्ति दिलाने की जद्दोजेहद में लगे पीएम इमरान खान ने कहा कि आर्थिक संकट से उभरने के लिए इस्लामाबाद के समक्ष दो रास्ते हैं। हाल ही में पाकिस्तान की सरकार ने बैलआउट पैकेज के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के दरवाजे पर दस्तक देने का ऐलान किया था।
पीएम खान ने बताया कि पाकिस्तान के समक्ष आईएमएफ से बैलआउट पैकेज के अलावा सहयोगी देशों से आर्थिक मदद के विकल्प है। सरकार ने इन दोनों विकल्पों पर कार्य करने का फैसला किया है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार को 10-12 बिलियन डॉलर की जरुरत कोई चिंता का विषय नहीं है। पीएम खान ने कहा हम इससे उभर जायेंगे, मैं देश को इस आर्थिक संकट से बाहर ले आऊंगा।
प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीके इंसाफ पार्टी ने अगस्त में सरकार का कार्यभार संभाला था। उस आर्थिक संकट के वक्त सरकार के पास आईएमएफ और सहयोगी देशों से मदद लेने के दो ही विकल्प मौजूद थे। इमरान खान ने मित्र देशों से आर्थिक सहायता मांगी और उन्हें आश्वासन दिया कि भ्रष्ट नेताओं से रकम वसूलकर कर्ज चुका देंगे। उन्होंने सरकारी खजाने से मिली महंगी कारों को नीलाम कर दिया। उन्होंने बाँध के निर्माण के लिए अवाम से सहयोग राशि देने का आग्रह किया।
वित्त मंत्री असद उमर ने बाली में सालाना बैठक में बताया कि सरकार ने आर्थिक संकट से उभरने के लिए आईएमएफ से वार्ता का निर्णय लिया है।
पाकिस्तान साल 1980 के बाद कई बार आईएमएफ से मदद की मांग की है। पिछली बार सरकार ने आईएमएफ से साल 2013 में 6.6 बिलियन डॉलर का कर्ज लिया था। इमरान खान आर्थिक मदद के लिए आईएमएफ के दरवाजे पर दस्तक देने के सख्त खिलाफ थे।
इमरान खान ने कहा कि यह थोड़ा दुखदायी समय है। हमारे मुल्क पर अल्लाह की रहमत है इसलिए यह धनी है। हमारा मुल्क इस आर्थिक संकट से उभर जायेगा।
इमरान खान ने कम कीमत वाली हाउसिंग स्कीम की घोषणा की है। उन्होंने कहा उनकी सरकार अगले पांच साल में पांच मिलियन मकानों का निर्माण करेगी।