केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने हाल ही में निजी एवं सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में सीटों में 25 प्रतिशत वृद्धि की घोषणा की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हाल ही में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को दिए गए 10 प्रतिशत आरक्षण की वजह से अनुसूचित जातियों के मौजूदा कोटा पर कोई असर ना पड़े।
प्रकाश जावड़ेकर का बयान :
“अनारक्षित वर्ग को पहली बार कोटा का लाभ मिल रहा है। यदि आज 100 सीटें दी जा रही हैं, तो यह सुनिश्चित करने के लिए कि मौजूदा कोटा प्रभावित नहीं है, वे अभी से 125 हो जाएंगे,” उन्होंने प्रेस मीट में कहा, “एक सप्ताह के समय में कॉलेजों को एक संचालन जनादेश दिया जाएगा।”
इसके साथ ही जावड़ेकर ने 1 जनवरी, 2016 से एआईसीटीई से संबद्ध सरकारी संस्थानों के लिए 7 वें वेतन आयोग के लाभ की घोषणा की। उन्होंने कहा, “हमने इसके लिए 1,241 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। यह 2.5 लाख शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों की सहायता करेगा।”
यह निर्णय मंगलवार को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) के साथ हुई बैठक में लिया गया। श्री जावड़ेकर ने कहा की सभी विश्वविद्यालयों को सूचित किया जाएगा की वे यह सुनिश्चित करें की EWS कोटा जल्द से जल्द उनके प्रॉस्पेक्टस में शामिल हो।
10 प्रतिशत आरक्षण कोटा की जानकारी :
अनारक्षित वर्ग को 10 प्रतिशत कोटा का यह बिल 9 जनवरी को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था और राज्यसभा ने एक दिन बाद विपक्ष के दावों के बीच कहा कि यह केवल एक “नौटंकी” है जिसका उद्देश्य आगामी संसदीय चुनावों में लोगों का साथ पाना है। इसके बावजूद भी इस बिल के खिलाफ केवल तीन मत थे एवं इसके साथ और सभी थे।
इस बिल के अंतर्गत सामान्य वर्ग के लोग जिनकी वार्षिक आय 8 लाख रुपये से कम है और उनके पास पांच एकड़ से कम भूमि है वे संविधान के नए संशोधन के तहत लाभ के पात्र होंगे।