इसी वर्ष अप्रैल में आरबीआई ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें आरबीआई ने अपनी सभी संबन्धित बैंकों को 7 जुलाई तक का समय देते हुए कहा था कि वे ऐसी किसी भी फ़र्म या व्यक्ति से किसी भी तरह के संबंध न रखें जो भारत में क्रिप्टोकरेंसी का काम करते हों।
आरबीआई का यह कदम देश के उन तमाम लोगों के लिए झटका था, जिन्होने क्रिप्टोकरेंसी में बड़ा निवेश कर रखा है। आरबीआई के इस आदेश के बाद स्पष्ट हो गया था, इस निवेश में आने वाले सभी तरह के जोखिम के लिए निवेशक ही पूरी तरह जिम्मेदार होगा।
इसी के चलते भारत के क्रिप्टोकरेंसी बाज़ार में काफी पहले से सक्रिय ज़ेबपे ने अपना बाज़ार बंद करने की घोषणा कर दी थी।
वहीं क्रिप्टोकरेंसी का यह व्यवसाय अब सिकुड़ता जा रहा है। क्रिप्टोकरेंसी का व्यवसाय करने वाली कंपनी यूनोक्वाइन के सीईओ सात्विक विश्वनाथन ने बताया है कि आज का क्रिप्टोकरेंसी का व्यवसाय पिछले टीम महीने के के व्यवसाय का 10 प्रतिशत रह गया है।
मालूम हो कि यूनोक्वाइन ने हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी से संबन्धित एक एटीएम की स्थापना की है। देश का इकलौता क्रिप्टो करेंसी का यह एटीएम बेंगलुरु में स्थित है।