आधार कार्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट नें हाल ही में अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट नें अपने फैसले में आधार को मान्य माना और कहा कि आधार एक राष्ट्रिय पहचान है, जिसके नुकसान से अधिक उसके फायदे हैं।
हालाँकि सुप्रीम कोर्ट नें इस दौरान कई शर्तें भी रखी हैं।
आधार पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुख्य बिंदु:
- प्राइवेट कंपनियां आपको आपकी आधार जानकारी देने के लिए बाध्य नहीं कर सकती हैं। इसी प्रकार बैंक और फोन कंपनियां आपको आधार लिंक करने के लिए नहीं कह सकती हैं।
- आधार को आपको अपने पैन नंबर से लिंक करना होगा, जिससे टैक्स भरने में आसानी हो।
- कोर्ट नें यह भी कहा कि स्कूलों में बच्चों के एडमिशन के लिए आधार जरूरी नहीं है। कोर्ट नें कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए, कि किसी स्कूल नें बच्चे को सिर्फ आधार ना होने के कारण एडमिशन ना दिया हो।
- ‘आधार पिछड़े वर्गों को बराबरी की पहचान देता है, जो उससे होने वालू नुकसानों से ज्यादा हैं।’ कोर्ट नें यह उस बात के जवाब में कहा जिसमें कहा गया था कि आधार की वजह से लोगों को निशाना बनाया जा सकता है।
- कोर्ट नें यह भी बताया कि आधार के लिए बहुत कम डेटा लिया गया है। इसके अलावा अन्य पहचान पत्र भी इतनें ही महत्वपूर्ण होंगें।
- आधार के लिए 1 अरब से ज्यादा भारतीय नागरिक आवेदन कर चुके हैं और सरकार का मानना है कि इससे सरकारी सेवाओं को पाने में आसानी होगी।
- इससे पहले जाहिर है पिछले काफी समय नें बैंक और कई कंपनियां नागरिकों को लगातार परेशान कर रही थी, और उन्हें आधार जानकारी देने के लिए दबाव डाल रही थी।
- सुप्रीम कोर्ट नें इस दौरान डेटा चोरी, जानकारी सुरक्षा और निजता के अधिकार से सम्बंधित कई बातों पर जोर दिया।
- आधार को चुनौती देने वाली वकील का मानना था कि आधार में अरबों लोगों की महत्वपूर्ण जानकारी है और इसे सरकार या अन्य कोई संस्था अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर सकती है।
- इसपर सुप्रीम कोर्ट नें माना कि डेटा चोरी हो सकती है, लेकिन आधार से करोड़ों लोगों को जो फायदा मिलेगा, वो इससे होनें वाले नुकसान से कहीं अधिक है।
- प्रधानमंत्री मोदी नें इसपर कहा था कि आधार आने वाले समय में बहुत जरूरी साबित होगा और तकनीक की इस दुनिया में बहुत अहम् है। उन्होनें कहा कि जो लोग इसका विरोध कर रहे हैं, वे भविष्य के बारे में नहीं सोच सकते हैं।