सेल्यूलर ऑपरेटर असोशिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि जो भी उपभोक्ता टेलीकॉम ऑपरेटरों के पास से अपनी आधार संबंधी जानकारी को हटा देना चाहते हैं, उन्हे केवाईसी (नो योर कस्टमर) प्रक्रिया के तहत कोई दूसरा प्रमाण पत्र प्रदान करना होगा।
इस दौरान COAI ने डॉट (डिपार्टमेन्ट ऑफ टेलीकॉम) के साथ मिलकर ये बयान दिया था कि पहचान पत्रों के बदलने के दौरान ग्राहक की सेवा किसी भी तरह से बाधित नहीं की जाएगी।
इसी के साथ ही समस्त टेलीकॉम ऑपरेटरों ने कहा है कि आधार से ग्राहकों की पहचान की पुष्टि जल्द हो जाती थी, लेकिन अब इस प्रक्रिया में बदलाव करने से बहुत सी परेशानियाँ नए सिरे से खड़ी होंगी।
सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद अब कोई भी गैर-सरकारी या सरकारी कंपनी किसी भी तरह से ग्राहक की आधार संबंधित जानकारी को अपने पास नहीं रख सकती है। ऐसे में पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेन्स वोटर आईडी आदि बनवाने के लिए ही अधिकार अनिवार्य रूप से मांगा नहीं जा सकता है।
COAI के डाइरेक्टर जनरल राजन एस मैथिव ने बाया है कि सभी टेलीकॉम ऑपरेटर डॉट से मिल चुके है। टेलीकॉम ऑपरेटरों ने अपनी समस्या सामने रखते हुए डॉट को बताया है कि अब हजारों की तादाद में ग्राहक अपना आधार डाटा हटाने की मांग कर रहे हैं।
राजन के अनुसार आधार ने ग्राहकों की पहचान को पुख्ता करने में बड़ी भूमिका निभाई है, जबकि पेपर से पहचान को पुख्ता करने में अधिक समय लगता है।
हालाँकि माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने आदेश में यह साफ किया था कि प्रक्रिया के दौरान पहले आधार से जुड़े मोबाइल नंबर को काटने से बचाना होगा।”