90 हज़ार करोड़ से भी ज्यादा के कर्ज़ में डूबी IL&FS अब सरकार से मदद चाह रही है। IL&FS बोर्ड के नए चेयरमैन उदय कोटक के नेतृत्व में कंपनी अब सरकार से 4,500 करोड़ रुपये का फंड इकट्ठा कर सकती है।
संबन्धित सूत्रों से खबर मीडिया के सामने आई है कि कंपनी के बोर्ड और सर के बीच बातचीत अपनी निर्धारित प्रगति पर है। इसके चलते यदि सरकार IL&FS कंपनी माँग को पूरा करती है तो हाल ही में कंपनी के बोर्ड को बर्खास्त करने के बाद कंपनी के भीतर सरकार का यह दूसरा हस्तक्षेप होगा।
बोर्ड के चेयरमैन उदय कोटक फिलहाल सरकार के साथ बातचीत में लगे हुए है। ऐसे में अगर सरकार द्वारा IL&FS को मदद नहीं मिल पाती है तो कंपनी को अन्य विकल्पों की ओर रुख करना होगा।
IL&FS ठीक उसी तर्ज़ पर केंद्र सरकार से फंड इकट्ठा करना चाह रही है, जिस तरह से 2008 की मंदी के बाद अमेरिकी सरकार ने आपातकालीन आर्थिक स्थिरीकरण अधिनियम के तहत प्राइवेट कंपनी की मदद की थी।
फिलहाल कंपनी ने इस संदर्भ में किसी भी तरह का कोई बयान नहीं दिया है और न ही सरकार की तरफ से इस पर कोई टिप्पणी की गयी है।
इसी के साथ ही संभव है कि सरकार को इस कंपनी को पुनर्भुगतान के तहत 16 हज़ार करोड़ रुपये फंड से कुछ हिस्सा भी दे सकती है। मालूम हो कि IL&FS इस समय 91 हज़ार करोड़ रुपये के कर्जे तले दबी हुई है। एनबीएफ़सी सेक्टर को गहरे संकट में देख आरबीआई भी मदद करने को आगे आई है।
मालूम हो कि IL&FS द्वारा बिना किसी गंभीर औपचारिकता के छोटी कंपनियों को ऋण देने की वजह से पूरा एनबीएफ़सी सेक्टर गहरे संकट की ओर अग्रसर हो गया था। इसी के बाद आरबीआई ने करीब 1500 एनबीएफ़सी कंपनियों का लाइसेन्स रद्द करने की पहल की थी।
इसी कंपनी के चलते पूरा NBFC सेक्टर लगभग तबाह हो गया है। हाल ही में एसबीआई ने एनबीएफ़सी सेक्टर की मदद करने की पेशकश की थी।