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नई दिल्ली, 21 मई (आईएएनएस)| आईएलएंडएफएस समूह की उन कंपनियों की सूची में दो और कंपनियां शामिल हो गई हैं, जो अपनी देनदारियां चुकता नहीं करने में अक्षम हैं। इसके साथ ही इस तरह की कंपनियों की संख्या 82 हो गई है।

कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीली न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) में दाखिल एक हलफनामे के अनुसार, कुल ‘रेड’ कंपनियों की संख्या अब 82 है, जो प्रारंभ में 80 थी।

हलफनामे के अनुसार, ‘ग्रीन’ कंपनियों की संख्या भी पांच की वृद्धि के साथ 55 हो गई है।

जो कंपनियां अपनी सभी देनदारियों का भुगतान करने में सक्षम हैं, वे ‘ग्रीन’ कंपनियां हैं। जो कंपनियां सिर्फ संचालन भुगतान और सीनियर सेक्योर्ड ऋण देनदारियां चुकता करने में सक्षम हैं, वे ‘अंबर’ कंपनियां हैं, और जो सीनियर सेक्योर्ड फायनेंशियल क्रेडिटर्स की भी देनदारियां चुकता करने में अक्षम हैं, वे ‘रेड’ कंपनियां हैं।

रेड श्रेणी में शामिल हुईं नई कंपनियां झारखंड इंफ्रास्ट्रक्च र डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड और उड़ीसा प्रोजेक्ट डेवलपमेंट कंपनी लिमिटेड हैं। ग्रीन श्रेणी में शामिल हुईं नई कंपनियों में गुजरात इंटरनेशनल फायनेंस टेक-सिटी कंपनी लिमिटेड, मंगलोर सेज लिमिटेड, न्यु तिरुपुर एरिया डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, ओएनजीसी त्रिपुरा पॉवर कंपनी और कैनोपी हाउसिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्च र शामिल हैं।

सूची में इन कंपनियों को शामिल किए जाने के बाद अब 11 कंपनियां बची हैं, जिन्हें किसी श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है।

By पंकज सिंह चौहान

पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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